IPS Manilal Patidar Story : राजस्थान के डूंगरपुर में जन्मे आईपीएस मणिलाल पाटीदार उत्तर प्रदेश के महोबा में वसूली के बदले मर्डर मामले में फरार है. लेकिन दो राज्यों की पुलिस पकड़ नहीं पाई.
Trending Photos
IPS Manilal Patidar Story : आईएएस आईपीएस जैसी उच्च प्रशासनिक सेवाओं में चयन हर किसी का एक सपना हुआ करता है और बिहार झारखंड के बाद देश को सिविल सर्वेट देने में राजस्थान एक बड़ी भूमिका निभा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ( Delhi ) समेत पड़ोसी राज्यों में भी राजस्थान ( Rajasthan ) मूल के चयनित युवाओं की एक बड़ी संख्या है. भारतीय प्रशासनिक सेवा ( IAS ) और भारतीय पुलिस सेवा ( IPS ) में चयनित युवा अक्सर ही लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र माने जाते हैं. मूल रुप से राजस्थान के डूंगरपुर ( Dungarpur ) के रहने वाले मणिलाल पाटीदार कभी युवाओं के यूथ आइकन हुआ करते थे लेकिन आज शायद उनके नाम से अपना नाम जोड़ने में भी लोग कतरा रहे हैं.
दरअसल हम बात कर रहे हैं मूल रुप से राजस्थान के डूंगरपुर के मूल निवासी और उत्तर प्रदेश कैडर के 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार की जिन्हें ढूंढ पाने में आज देश के दो राज्यों की पुलिस भी नाकाम है.
25 नवबंर 1989 को डूंगरपुर के सरोदा गांव में जन्मे मणिलाल पाटीदार ने आरंभिक शिक्षा नवोदय स्कूल से करने के बाद महाराष्ट्र के पुणे से इलेक्ट्रानिक्स और टेलीकम्युनिकेशन में बीटेक किया. साल 2013 में मणिलाल संघ लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा में सफलता हांसिल करके 188 वी रैंक हांसिल करके भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए. लेकिन मणिलाल पाटीदार चर्चा में तब आए जब साल 2020 के सितंबर महीने की सात तारीख को उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के स्टोन क्रेशर व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने उनकी महोबा में पुलिस कप्तान के रुप में तैनाती के दौरान छह लाख महीना रिश्वत मांगने का संगीन आरोप लगाया और सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके कहा कि अगर उनके साथ कोई भी अनहोनी होती है तो उसके लिए मणिलाल पाटीदार की जिम्मेदारी होगी.
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के अगले दिन ही यानि आठ सितंबर 2020 को इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी ऑडी गाड़ी में बेहद गंभीर हालत में मिले थे और उनके गर्दन में पीछे की तरफ से गोली लगी थी. उसी दौरान यूपी सरकार के एक्शन में आने के बाद मणिलाल पाटीदार के खिलाफ धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था जिसे 13 सितंबर 2020 को इलाज के दौरान इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद 302 यानि हत्या के आरोप में दर्ज कर दिया. बाद में यूपी के तत्कालीन डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के आदेश पर एसआईटी जांच में मणिलाल पाटीदार को हत्या के आरोप से तो क्लीनचिट मिल गयी लेकिन एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में मृतक व्यापारी की मौत को सुसाइड बताकर मणिलाल पाटीदार के खिलाफ सुसाइड के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया था.
लेकिन 2 साल बीतने के बावजूद आज तक मणिलाल पाटीदार फरार हैं. यूपी और राजस्थान की पुलिस उनको आज तक ढूंढ नहीं पाई है. कभी आईपीएस बनकर नाम ऊंचा करने वाले मणिलाल पाटीदार आज एक लाख के ईनामी अपराधी हैं यानि मणिलाल पाटीदार के बारे में सूचना देने वाले शख्स को सरकार एक लाख रुपए का ईनाम देगी.
पिछले साल जुलाई में डूंगरपुर ( Dungarpur ) स्थित मणिलाल पाटीदार के आवास पर पुलिस कुर्की की कार्रवाई को अंजाम दे चुकी है. लेकिन अभी तक भी मणिलाल पाटीदार (IPS Manilal Patidar) का कुछ अता पता नहीं चल सका है. बड़े बड़े अपराधियों को पकड़कर पिंजरे में बंद करने देनी वाली यूपी पुलिस दो साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अपने ही एक फरार आईपीएस को पकड़कर सलाखों के पीछे डालने में नाकामयाब है. महोबा के इंद्रकांत त्रिपाठी केस को लेकर अक्सर ही उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ( Akhilesh Yadav ) भी अक्सर ही हमलावर होते रहे हैं. जहां राजस्थान की धरती देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति देने वाले शूरवीरों के लिए जानी जाती है तो वहीं मणिलाल पाटीदार का मामला नौकरशाही में भ्रष्टाचार रुपी उस दीमक की तरह जिसमें लालच में अंधा होकर एक पढा लिखा काबिल आईपीएस भगोड़ा अपराधी बन जाता है.