जानिए क्या है पोस्टपार्टम डिप्रेशन, यहां एक क्लिक में मिलेगी सारी जानकारी
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जानिए क्या है पोस्टपार्टम डिप्रेशन, यहां एक क्लिक में मिलेगी सारी जानकारी

Health News: पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक मूड डिसऑर्डर है. यह बच्चे के जन्म के बाद सात में एक इंसान को हो सकता है. जानें इसके लक्षण और बचाव. 

जानिए क्या है पोस्टपार्टम डिप्रेशन, यहां एक क्लिक में मिलेगी सारी जानकारी

Health News: पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक ऐसी डिप्रेशन हैं, जो बच्चे को जन्म के बाद होता है. यह डिप्रेशन 15 फीसदी महिलाओं पर प्रभाव डालता है. जानकारी के मुताबिक, इससे पीड़ित लोगों उतार-चढ़ाव, निरंतर रोना, थकान, अपराध बोध और चिंता होती है. ऐसे में बच्चे की देखभाल करना मुश्किल होता है. 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण बढ़ने के कारण
बच्चे के जन्म के बाद लोग मौद्रिक, भावनात्मक, शारीरिक, हार्मोनल और सामाजिक चेंजेज होते हैं. इससे पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण बढ़ते हैं. इसका इलाज दवा और परामर्श से हो सकता है. 

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बेबी ब्लूज
प्रसव होने के बाद 50 से 75 फीसदी बच्चों को ब्लूज होता है. इसका असर जन्म के बाद पहले सप्ताह में आती है. इस दौरान मूड में बदलाव, एकाग्रता में कमी, उदासी, चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव होता है. बेबी ब्लूज प्रसव 2 से 3 दिन में शुरू होता है, जो दो हफ्ते तक रहता है. 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन बेबी ब्लूज से कहीं ज्यादा खतरनाक होता है, इसका असर सात में से एक माता-पिता होता है. इस दौरान रोना, चिड़चिड़ापन, थकान और अपने बेबी की देखभाल करने में असमर्थता लगती है. यह काफी महीने तक रह सकता है. इसका इलाज दवाइयों और मनोचिकित्सा द्वारा किया जा सकता है. 

पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण
आत्महत्या के विचार 
दुखी, निराश
दोषी महसूस करना
अत्यधिक चिंता करना 
घबराहट होना 
अपने बच्चे के आसपास चिंतित महसूस करना 
अपने बच्चे को चोट पहुंचाने के विचार

पोस्टपार्टम डिप्रेशन से इस तरह कर सकते हैं बचाव
टहलें और आराम के लिए घर से बाहर निकलें
अपने परिवार और दोस्तों के बात करें 
अकेले समय ना बिताएं  
अच्छे दिन और बुरे दिन के लिए तैयार रहें.

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