Rajasthan- भ्रष्टाचार पर एक्शन मोड में भजनलाल सरकार, Phed में हड़कंप; SIT बनाकर खोल सकती है JJM घोटाले के सभी तार
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Rajasthan- भ्रष्टाचार पर एक्शन मोड में भजनलाल सरकार, Phed में हड़कंप; SIT बनाकर खोल सकती है JJM घोटाले के सभी तार

Rajasthan Politics- राजस्थान में भजनलाल सरकार के आते ही एक्शन मोड में दिख रही है. वह ताबड़तोड़ फैसलें ले रही है. सीएम भजनलाल ने पहले ही प्रेस कांफ्रेस कर साफ कर दिया था कि वह भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति पर ही काम करेंगे.

 

 SIT on JJM scam

Rajasthan Politics- राजस्थान में पेपरलीक मामले पर भजनलाल सरकार ने SIT गठन कर दिया, लेकिन अब जल्द ही जल जीवन मिशन घोटाले पर भी सरकार SIT का गठन कर सकती है,क्योकि जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का महत्वकांक्षी मिशन है,ऐसे में जल्द राज्य सरकार पूरे घोटाले पर एसआईटी ​गठित कर सकती है.

भजनलाल सरकार की सख्ती

भजनलाल सरकार ने अब पेपरलीक के बाद जल जीवन मिशन पर नजरे गड़ाई है. सरकार जल्द इस पर भी एसआईटी का गठन कर सकती है. केंद्र सरकार के इस मिशन में राजस्थान सबसे फिसड्डी रहा है, इसलिए इसमें.तेजी लाने के लिए भजनलाल सरकार बडे फैसले  ले सकती है. 

गौरतलब है कि इस योजना में पानी से पैसा बनाने वाले इंजीनियर्स पर भजनलाल शर्मा सख्ती दिखा सकते है. उन्होंने सीएम की कुर्सी संभालते ही पेपरलीक मामले में एसआईटी का गठन किया. अब माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल गठन के बाद जेजेएम भ्रष्टाचार में एसआईटी का गठन होगा. राज्य के जल जीवन मिशन में 900 करोड़ का भ्रष्टाचार सामने आया था, लेकिन जब एसआईटी जांच करेगी तो और भी घोटाले सामने आएंगे.

इन अफसरों ने छीनी जनता की प्यास

एक तरफ केंद्र सरकार हर घर जल योजना के जरिए जल जीवन मिशन चला रहा है, लेकिन राजस्थान में ये मिशन इंजीनियर्स और जलदाय विभाग के लिए एक अवसर बन गया था. इसलिए सरकार बदलते ही अब जनता की प्यास छीनने वालों के खिलाफ भजनलाल सरकार सख्त कदम उठा सकती  है. राजस्थान में जल जीवन मिशन में घोटाले के बाद ईडी ने दो बार छापे मारे. जिसके बाद से जल जीवन मिशन चीफ इंजीनियर आरके मीणा,चीफ इंजीनियर स्पेशल प्रोजेक्ट दिनेश गोयल और चीफ इंजीनियर शहरी केडी गुप्ता से कई बार पूछताछ हो चुकी है और अभी भी ईडी की रडार पर है.बताया जा रहा है कि विभाग के कई इंजीनियर्स से भी पूछताछ की जा रही है.

छापेमारी में मिले करोड़ों की नकदी-सोना-
गणपति-श्री श्याम ट्यूबवेल फर्म जेजेएम के अलावा शहरी योजनाओं में भी फर्जी प्रमाण पत्र से टैंडर हासिल किए थे.फर्म मालिक पदमचंद जैन,महेश मित्तल ने इंजीनियर्स से मिलीभगत टैंडर हासिल किए थे.ईडी ने अब तक की छापेमारी में 8.82 करोड़ की नकदी-सोना जब्त किया है.अब देखना होगा पूरे मामले में राज्य सरकार कब एसआईटी का गठन होगा और कब दोषियों पर कडी कार्रवाई होगी.

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