निशुल्क आईपीडी–ओपीडी उपचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया यह बड़ा बयान
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निशुल्क आईपीडी–ओपीडी उपचार को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया यह बड़ा बयान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महंगे उपचार के कारण प्रदेशवासियों की जेब पर आने वाले भार को समाप्त करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना शुरू की गई है. देश के किसी भी प्रांत में नागरिकों को ओपीडी एवं आईपीडी में उपचार एवं जांच सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराने की यह योजना हमारी सरकार ने एक अभिनव पहल के रूप में शुरू की है. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि महंगे उपचार के कारण प्रदेशवासियों की जेब पर आने वाले भार को समाप्त करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना शुरू की गई है. देश के किसी भी प्रांत में नागरिकों को ओपीडी एवं आईपीडी में उपचार एवं जांच सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराने की यह योजना हमारी सरकार ने एक अभिनव पहल के रूप में शुरू की है. अतः हम सब का दायित्व बनता है कि हम योजना को सफल बनाने में जुटें और यह सुनिश्चित करें कि रोगियों को निशुल्क उपचार लेने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े. 

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गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य का क्षेत्र राज्य सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. यही कारण है कि हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रारम्भ की हैं जिनसे अभी तक प्रदेश के लगभग 1.50 करोड़ परिवार जुड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इन योजनाओं का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो तथा इसके लिए योजना की नियमित मॉनिटरिंग हो तथा समय-समय पर अधिकारी जनता से फीडबैक लें.

आईपीडी-ओपीडी निशुल्क उपचार से आमजन को फायदा
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना निशुल्क ओपीडी-आईपीडी उपचार के अंतर्गत प्रदेश में 1535 प्रकार की दवाइयां, 1582 प्रकार के सर्जिकल और सूचर्स के साथ सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन, एक्स–रे जैसी जांचें व कॉकलियर इम्प्लांट, बोनमैरो ट्रांसप्लांट, ऑर्गन ट्रांस्प्लांट, ब्लड, प्लेट्लेट्स एवं प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन तथा लिम्ब प्रोस्थेसिस (बोन कैंसर) जैसी जटिल स्वास्थ्य सेवाएं भी निःशुल्क कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि योजना का व्यापक प्रचार किया जाए ताकि अधिक से अधिक नागरिक इनसे लाभान्वित हो सके तथा हैल्पलाइन नंबर 181 को भी जन-जन तक पहुंचाया जाए. 

निशुल्क दवाओं की सप्लाई में ना हो कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि दवाइयों की सप्लाई में किसी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए तथा ड्रग वेयरहाउसेज में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होना चाहिए ताकि कोई मरीज निराश न लौटे. साथ ही दवा वितरण केन्द्र आईपीडी से ज्यादा दूर न बनाए जाएं ताकि मरीज आसानी से दवाएं प्राप्त कर सकें. बड़े अस्पतालों में एक काउंटर बनाकर मरीजों को मार्गदर्शन प्रदान किया जाए. कोरोना के दौरान चिन्हित किए गए ऐसे डेस्टीट्यूट जिनके पास जन-आधार कार्ड नहीं हैं उनके प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए योजना के अंतर्गत उनका भी निशुल्क इलाज किया जाए तथा साथ ही उनके जन–आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाए.

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संसाधनों की संख्या में की जाए जरूरत अनुसार वृद्धि
गहलोत ने कहा कि इस योजना के लागू होने के बाद चिकित्सा संस्थानों में रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है. प्राथमिक, सामुदायिक, जिला अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेज के स्तर पर निशुल्क आईपीडी और ओपीडी का लाभ बिना किसी व्यवधान के मरीजों तक पहुंचना चाहिए. इसके लिए जरूरत अनुसार संसाधनों की संख्या भी बढ़ाई जाए. 

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