हिंदी दिवस पर बोले मुख्यमंत्री गहलोत, पचास साल से राजनीति में हूं, मुझे इंग्लिश नहीं आती
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हिंदी दिवस पर बोले मुख्यमंत्री गहलोत, पचास साल से राजनीति में हूं, मुझे इंग्लिश नहीं आती

Jaipur: हिंदी दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पचास साल से राजनीति में हूं, मुझे इंग्लिश नहीं आती है.

हिंदी दिवस पर बोले मुख्यमंत्री गहलोत, पचास साल से राजनीति में हूं, मुझे इंग्लिश नहीं आती

Jaipur: आज देश-प्रदेश में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज SMS कॉलेज के ऑडिटोरियम में हिंदी दिवस के मौके पर करीब 400 छात्र-छात्राओं को हिंदी सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया. इसके साथ ही उन्होंने हिंदी भाषा की उन्नति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली हस्तियों को भी हिंदी सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया. कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव ने अध्यक्षता की.

वहीं निदेशक स्थानीय भाषाएं बालेन्दु शर्मा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रहे. एसीएस पवन गोयल भी मौजूद रहे. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पचास साल से राजनीति में हूं, लेकिन मेरे दिमाग में यह कभी नहीं आया कि मुझे इंग्लिश नहीं आती है, गहलोत ने हिंदी में सौ फीसदी अंक लाने वाले स्टूडेंट को सम्मानित करने के दौरान कहा कि मैं भी टूटी- फूटी अंग्रेजी बोल कर काम चलाता हूं. उनके सामने यदि कोई हिंदी भाषी अंग्रेजी में बात करते है, तो उनको टोक देता हूं तब वो भी हिंदी में बात शुरू कर देते है. हिंदी ने मुझे सब कुछ दिया है गहलोत ने कहा मैं खुद हिंदी भाषी हूं.आज पार्लियामेंट मेंबर से लेकर सीएम तक बना हिंदी ने भाषा मुझे सब दिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे खुद हिंदी मीडियम के स्कूल में पढ़ें हुए हैं उन्हें अंग्रेजी बिल्कुल पसंद नहीं थी, लेकिन आज वे गांव-गांव में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोल रहे हैं,क्योंकि हम सब जानते हैं कि आज के वक्त पर करियर के लिए अंग्रेजी कितनी महत्वपूर्ण है, इसलिए हमारे गांव-गांव के बच्चों को उनके भविष्य में कोई परेशानी न झेलनी पड़े वे मानसिक तौर भी इसके लिए तैयार हो सकें, इसलिए ये स्कूल खोले जा रहे हैं,आने वाले 10 साल बाद राजस्थान के बच्चे भी अंग्रेजी बोलेंगे. पचास साल से राजनीति में हूं. लेकिन, मेरे दिमाग में ये कभी नहीं आया कि मुझे इंग्लिश नहीं आती है. ये कहना है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का.

मुख्यमंत्री गहलोत हिंदी दिवस पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान हिंदी में सौ फीसदी अंक लाने वाले स्टूडेंट को सम्मानित करने के दौरान गहलोत ने स्टूडेंट को मोटिवेट करते हुए कहा कि मैं भी टूटी- फूटी अंग्रेजी बोल कर काम चलाता हूं. उनके सामने यदि कोई नेता अंग्रेजी में बात करते है. तो उनको टोक देता हूं. तब वो भी हिंदी में बात शुरू कर देते है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यहीं नहीं रुके. उन्होंने प्रदेश में खोली जा रही अंग्रेजी स्कूल को लेकर कहा कि उन्होंने बचपन से अंग्रेजी का विरोध किया. लेकिन अब सरकार में हूं तो पब्लिक इंटरेस्ट को देखते हुए इंग्लिश स्कूल खोल रहा हूं. गहलोत ने कहा कि सरकारी ऑर्डर में हिंदी थोड़ी हार्ड है. जिसमें आगे बढ़ने की जरूरत है.

उधर, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने भी प्रदेश में खोली जा रही अंग्रेजी स्कूल को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री ने बेमन से स्कूल खोले है. साथ ही कहा कि इंग्लिश जरूरी है, लेकिन मुख्य भाषा हिंदी होनी चाहिए. कार्यक्रम में 393 सीनियर बोर्ड में हिदी विषय में सौ फीसदी अंक लाने वाले स्टूडेंट और दो हिंदी सेवा पुरस्कार भी दिए गए. ACS पवन गोयल ने कहा कि हिंदी हीनता की भाषा नहीं है. हिंदी में बच्चे 100 में से 100 अंक ला रहें है. इसलिए  हिंदी भाषा में पढ़ने वाले मन में हीन भावना नहीं रखे. मैं खुद हिंदी मीडियम और सरकारी स्कूल में पढ़ आईएएस बना. यूपीएससी परीक्षा और इंटरव्यू भी हिंदी भाषा में दी.

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