शांत प्रदेश कहे जाने वाले मरूधरा की नींव में जहर घोला जा रहा है बच्चों को न केवल नशा सिखाया जा रहा है बल्कि तस्करी में भी धकेला जा रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो ड्रग पेडलर पुलिस शिकंजे से बचने के लिए इन बच्चों का उपयोग कर रहे हैं. हालात बेहद डराने और पुलिस के आकंडे़ चौंकाने वाले हैं, पुलिस, सरकार और गृहमंत्रालय भी चिंता में है कि कहीं पंजाब की तरह 'उड़ता राजस्थान' नहीं बन जाए.
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Jaipur: शांत प्रदेश कहे जाने वाले मरूधरा की नींव में जहर घोला जा रहा है बच्चों को न केवल नशा सिखाया जा रहा है बल्कि तस्करी में भी धकेला जा रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो ड्रग पेडलर पुलिस शिकंजे से बचने के लिए इन बच्चों का उपयोग कर रहे हैं. हालात बेहद डराने और पुलिस के आकंडे़ चौंकाने वाले हैं, पुलिस, सरकार और गृहमंत्रालय भी चिंता में है कि कहीं पंजाब की तरह 'उड़ता राजस्थान' नहीं बन जाए.
देश (Drugs in Rajasthan) में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति की रोकथाम और मादक पदार्थों पर शिकंजा कसने के लिए नशा मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत पांच राज्यों हरियाणा, पंजाब राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मादक पदार्थों तस्करी से सम्बंधित समस्याओं के लिए समन्वय किया जा रहा है. इसके लिए चंडीगढ़ में मिनी सचिवालय स्थापित है. राजस्थान से इसके लिए एसओजी को नोडल एजेंसी बनाया हुआ है. इस अभियान के तहत केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नार्को कोर्डिनेशन सेंटर कमेटी (NCORD) का गठन किया हुआ है. इस कमेटी की तीसरी मीटिंग सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक में राजस्थान सहित सभी राज्यों के डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह वीसी के जरिए जुड़े. बैठक में राजस्थान की ओर से दी गई जानकारी में खुलासा हुआ किस तरह बच्चों को तस्करी के दलदल में धकेला जा रहा है. हालांकि राजस्थान में पुलिस की ओर से व्यापक कार्रवाई की भी की गई है.
राज्य में 493 जगह संवेदनशील
नशे की बढ़ती प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए राजस्थान में 15 अगस्त 2020 से लगातार नशा मुक्त भारत अभियान के तहत कार्रवाई की जा रही है. राज्य में 493 स्थान चिह्नित किए हैं जहां नशा प्रवृत्ति, तस्करी या बिक्री ज्यादा है. शैक्षणिक संस्थानों के पास धूम्रपान करने वालों के खिलाफ 2109 केस दर्ज कर 2109 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. नशीली दवाओं, मादक पदार्थों की बिक्री करने वालों के खिलाफ 2315 केस दर्ज कर 3026 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया.
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110 बच्चे तस्करी में 81 बच्चे नशा लेते पकड़े
प्रदेश (Drug addiction spreading in Rajasthan) में सभी संबंधित विभागों की ओर से 'एक युद्ध नशे के विरुद्ध' के अभियान के तहत राज्य में मादक पदार्थों के तस्करों द्वारा तस्करी के लिए 110 बच्चों की पहचान की गई. मादक पदार्थों का सेवन करने वाले 81 बच्चों को चिन्हित किया गया. इनमें 36 बच्चों के उपचार और पुनर्वास के लिए संबंधित विभागों को लिखा गया. बच्चों के पुनर्वास के लिए 92 में एनजीओ का सहयोग लिया गया है. राज्य में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों ने 1142 स्कूलों का निरीक्षण किया. स्कूलों, शैक्षणिक संस्थाओं के पास नशीली दवाओं मादक पदार्थों की बिक्री करने वाले 122 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के तहत 86 प्रकरण दर्ज कर 103 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया.
इस साल 2833 केस दर्ज कर 3733 व्यक्तियों को किया गिरफ्तार
एनडीपीएस एक्ट में वर्ष 2021 में नवंबर तक 2833 प्रकरण दर्ज कर 3733 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके कब्जे से 1.273 किलोग्राम ब्राउन शुगर, 54 2.442 किलोग्राम अफीम 30.754 किलोग्राम हेरोइन, 18 .169 किलोग्राम स्मैक , .012 ग्राम कोकिन, 12.605 किलोग्राम चरस, 10874.130 किलोग्राम गांजा, 134769.560 किलोग्राम डोडा पोस्त, 4539733 नशे की गोलियां, 870 किलोग्राम नशीली दवाइयां आदि जब्त किए गए.
अफीम डोडा चूरा बढ़ा रहा है टेंशन
राज्य में अफीम डोडा चूरा नष्टीकरण सुनिश्चित करने के लिए नियम व प्रावधान बनाए हुए हैं, लेकिन उनका पालन नहीं हो पा रहा है. राज्य में वर्ष 2020-21 में अफीम की खेती का कुल सकल वैध उत्पादन 2768. 4200 हेक्टेयर है तथा अफीम खेती के लिए 33140 लाइसेंसधारक है.
अभी ये हैं हालात
राज्य में एनडीपीएस एक्ट के वर्तमान में कुल 1540 प्रकरणों की जांच चल रही है। जिनका टीम गठित कर निस्तारण किया जा रहा है.
राज्य में एनडीपीएस की धारा 70 सीआरपीसी के कुल 670 प्रकरणों में अनुसंधान चल रहा है.
राज्य में एनडीपीएस के कुल 1301 वांछित अपराधी फरार चल रहे हैं इनमें सीआरपीसी के तहत 713, स्थाई वारंटी 505 तथा 83 मफरूर हैं.
अंतरजिला मादक पदार्थ स्तकर गैंग के सदस्यों का डोजियार तैयार करवाया जा रहा है.
कोर्ट में लम्बित मामले
राज्य में वर्तमान में कुल 8596 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है जिसमें केस ऑफिसर की स्कीम के तहत 105 प्रकरण छांटे गए हैं तथा इन प्रकरणों के महत्वपूर्ण साक्ष्य दस्तावेज प्रस्तुत किए जा रहे हैं.
राज्य में वर्तमान में कुल 81 नशा मुक्ति केंद्र संचालित किए जा रहे हैं स्वयंसेवी संस्थाओं के समय निकाल संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है.
एनडीपीएस एक्ट के प्रकरणों में एक से अधिक बार चालानशुदा अभियुक्त 932 है जिनमें 696 अभियुक्त जमानत पर चल रहे हैं, 203 न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं, वही 32 अभियुक्त अभी फरर चल रहे हैं.