अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना 811वें उर्स में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी चादर पेश की. यह हरे रंग की मखमली चादर राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानु खां बुधवाली लेकर पहुंचे. उनके साथ पूर्व मंत्री नसीम अख्तर पूर्व विधायक श्री गोपाल बाहेती अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी के अलावा कई पदाधिकारी और कांग्रेस नेता मौजूद रहे.
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Jaipur News: अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना 811वें उर्स में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी चादर पेश की. यह हरे रंग की मखमली चादर राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानु खां बुधवाली लेकर पहुंचे. उनके साथ पूर्व मंत्री नसीम अख्तर पूर्व विधायक श्री गोपाल बाहेती अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी के अलावा कई पदाधिकारी और कांग्रेस नेता मौजूद रहे. मजार शरीफ पर चादर व अकीदत के फूल पेश करने के बाद मुख्यमंत्री की ओर से भेजा गया संदेश भी पढ़ा गया. जिसमें बताया गया कि देश मे ख्वाजा गरीब नवाज का संदेश भाईचारे और सद्भाव का रहा है. इनका पैगाम देश और दुनिया में जाता है ऐसे में इस पर सभी को सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारा कायम रखना चाहिए.
सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 811वें उर्स पर अजमेर स्थित ख्वाजा साहब के आस्ताने पर 25 जनवरी को दोपहर 3 बजे चादर पेश की जाएगी। आज मुख्यमंत्री निवास से चादर रवाना की। ख्वाजा साहब के आस्ताने पर आने वाले तमाम जायरीन और प्रदेशवासियों को उर्स की मुबारकबाद। pic.twitter.com/WjTwDnSs6v
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 24, 2023
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संदेश बुलंद दरवाजे पर पढ़ा गया. अपने संदेश में मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस साल वली उल हिन्द सूफी हजरत ख्वाजा मुईनुद्दीन हसन चिश्ती (रहमतुल्लाह अलैह) गरीब नवाज का 811वां उर्स मुबारक मनाया जा रहा है. हिन्दुस्तान की सरजमीं को हजरत ख्वाजा मुईनुद्दीन हसन चिश्ती (र.अ.) गरीब नवाज जैसे ओलियाओं ने हमेशा खुदाई खिदमत और रुहानी तालीमात से दुनिया को फैजयाब किया है. गरीब नवाज ने समाज के कमजोर, गरीब और बेसहारा लोगों की खिदमत करने, एक-दूसरे के साथ आपसी भाईचारा कायम रखने, मुल्क की बेहबूदी और परवरदिगार की इबादत करने पर जोर दिया. उर्स मुबारक के मौके पर यहां तशरीफ लाने वाले तमाम जायरीन का इस्तकबाल करते हुए उर्स की कामयाबी के लिए दुआ करता हूं.
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उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज जैसे ओलिया देश में होनी चाहिए जो गरीब कमजोर और बेसहारा की खिदमत कर एक दूसरे में भाईचारा बनाकर रखें साथ ही देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाया जा सके. आज इस देश में मजहब के नाम पर कमजोर किया जा रहा है. ऐसे में कौमी एकता का पैगाम यही सही दिया जा रहा है. इस आस्ताने में हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग मुल्कों से लोग पहुंचते हैं और यहां मन्नत मांगते हैं उनकी मुरादें यहां पूरी भी होती है और यहां से काफी उम्मीद लेकर वह जाते हैं. साथ ही भाईचारे और खुशहाली का पैगाम भी दूर-दूर तक ख्वाजा गरीब नवाज के दर से फैलाया जाता है. उर्स के इस मुबारक मौके पर यहां आने वाले सभी जायरीन का स्वागत करते हुए शांतिपूर्ण उर्स लिए दुआ भी मांगी गई.