देवशयनी एकादशी पर मंदिरों में सजी विशेष झांकी, शाम को देवशयन, मांगलिक कार्यों पर लगा विराम
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1759871

देवशयनी एकादशी पर मंदिरों में सजी विशेष झांकी, शाम को देवशयन, मांगलिक कार्यों पर लगा विराम

Devshayani Ekadashi 2023: शहर के आराध्य गोविन्ददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में विशेष झांकी के दर्शन हुए. देवालयों में भक्त भगवान के दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना कर रहे है. वहीं शाम को मंदिरों के साथ घर-घर देव शयन करवाये जा रहे है. आज अबूझ सावा होने के चलते शहर में विवाह समारोह भी हो रहे है. 

देवशयनी एकादशी पर मंदिरों में सजी विशेष झांकी, शाम को देवशयन, मांगलिक कार्यों पर लगा विराम

Devshayani Ekadashi 2023: आषाढ़ शुक्ल एकादशी पर आज देवशयनी एकादशी मनाई जा रही है. शहर के आराध्य गोविन्ददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में विशेष झांकी के दर्शन हुए. देवालयों में भक्त भगवान के दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना कर रहे है. वहीं शाम को मंदिरों के साथ घर-घर देव शयन करवाये जा रहे है. आज अबूझ सावा होने के चलते शहर में विवाह समारोह भी हो रहे है. गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में शाम को सालिगरामजी को रथ पर विराजमान कर मंदिर तुलसी मंच पर लाकर विराजमान किया गया.

गोविन्ददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में विशेष झांकी 

इससे पहले सुबह गोविंददेवजी का अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई. ठाकुरजी ने लालरंग की नटवर पोशाक में दर्शन दिए. सुबह मंगला झांकी के दर्शनों से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी. एकादशी होने से मंदिर में राधे-राधे के जयकारें गूंजते रहे. शाम को ठाकुर श्रीजी के फूल बंगला झांकी सजाई गई और 1100 किलो आम का भोग ठाकुर श्रीजी के अर्पण किया गया. पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरी शरण के सान्निध्य में ठाकुर राधा सरस बिहारी जू सरकार को पुष्प शैया पर शयन करवाया गया.

ठाकुर राधा सरस बिहारी को पुष्प शैया पर शयन करवाया गया

शहर में अन्य मंदिरों में भी आज देवशयन के आयोजन हुए. वहीं एकादशी पर आज देवशयनी एकादशी का अबूझ मुहूर्त है. इसके बाद 148 दिन के लिए शादी- ब्याह आदि मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया है. इस बार 4 माह के बजाय 5 माह के लिए देवशयन हो रहे हैं. अब 23 नवम्बर को कार्तिक शुक्ल एकादशी पर देवउठनी एकादशी पर ही शादी- ब्याह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो पाएंगे, फिर से शहनाइयां बजेगी. देवशयन के दौरान रक्षाबंधन जैसे कई बड़े व्रत-त्योहार आएंगे. देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में पांच माह शयन करने जाएंगे.

ये भी पढ़ें- Devshayani Ekadashi 2023: कल देवशयनी एकादशी व्रत पर बने चार शुभ योग, जानें पूजा की प्राचीन विधि, शुभ मुहूर्त और कथा

भगवान विष्णु क्षीर सागर में पांच माह शयन करने जाएंगे

भाद्रपद एकादशी पर परिवर्तिनी एकादशी को भगवान विष्णु करवट लेंगे और देवउठनी एकादशी पर भगवान श्री हरि विष्णु पुन: योग निंद्रा से जागेंगे। इसी के साथ शुभ मांगलिक कार्यों की शुरूआत होगी. इस साल 29 जून को देवशयनी एकादशी और 23 नवंबर को देव उठनी एकादशी रहेगी। ऐसे में चातुर्मास 148 दिनों का रहेगा. इन दिनों में भगवान विष्णु योग निद्रा में रहेंगे.

 

Trending news