Jaipur News: देशभर में आज नोबेल पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर रविंद्र नाथ टैगोर की पुण्यतिथि मनाई जा रही है. इसी के चलते जयपुर में रविंद्र मंच पर भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए.
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Jaipur News: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर रविंद्र नाथ टैगोर की आज पुण्यतिथि देशभर में मनाई जा रही है. इसी कड़ी में जयपुर के रविंद्र मंच पर भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें मुख्य रुप से रविंद्र नाथ टैगोर को पुष्पांजलि अर्पित कर रविंद्र नाथ टैगोर की जीवनी पर आधारित नाटक का भी मंचन किया गया. ''ठाकुर'' कलावत के.एल. द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक प्रस्तुत किया गया.
नाटक में दिखाया गया कि देवेन्द्रनाथ ठाकुर के यहां एक बालक का जन्म होता है, जिसका नाम रबि रखा गया. रवि बचपन से ही कला के प्रति आकर्षित था. मां से असीम प्यार करने वाला रवि मां का बिछोह सहन नहीं कर पाता है. भाई ज्योति उन्हें मां की तरह प्यार करते है. बचपन से ही घर में ही संगीत, शिक्षा का वातावरण मिलता है.
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कला के वातावरण में इस खिले कमल द्वारा मात्र 8 वर्ष की आयु में पहली कविता लिख दी जाती है. भाई ज्योति के साथ नाटकों की तरफ इच्छा जाहिर की जाती है. विदेश की वकालात की पढ़ाई छोड़कर भारत जाने की जिद करने वाला रबि धीरे-धीरे उपन्यास, कहानियां, कविताएं और गीतों पर लिखना शुरू कर देते है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने विचारों से एक नई क्रांति की शुरूआत करते हैं. स्वदेशी आंदोलन में भाग लेना, गांधी जी के विचारों से प्रभावित होना, बंकिम चटर्जी से मुलाकात.
यह सब घटनाएं रवीन्द्र नाथ के जीवन को बहुत प्रेरित करते है और एक दिन गीतांजलि लिख एक नवीन रचना कर देते है. इसी दौरान उन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल से भी सम्मानित किया जाता है. अल्बर्ट आइन्स्टाइन द्वारा प्रशंसा की जाती है. इन सबके बावजूद गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा अपने मन की बातों पर ध्यान देकर शिक्षा हेतु शांति निकेतन की स्थापना कर प्रकृति के बीच शिक्षा की ज्योति जलाते है.
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नाटक में दिखाया गया है कि जीवन पर्यन्त अपनी लेखनी से कई कविताएं, कहानियां, गीत, साहित्य लिखकर, चित्रकारी करते हुए जीवन के अन्तिम रंगों में समाहित हो जाते हैं. स्वयं के राज्य और देश को राष्ट्रगीत प्रदान कर ठाकुर सदा के लिए अमर हो जाते हैं. नाटक का सामाजिक प्रभाव यह पड़ता है कि आज के युवा वर्ग को भी लेखनी की तरफ अग्रसर होना चाहिए, जिससे ज्ञान की ज्योति प्रखर होती है.