Rajasthan में उच्च शिक्षा पर जल्द फैसले की उम्मीद, Covid में काफी बाधित हुई पढ़ाई
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Rajasthan में उच्च शिक्षा पर जल्द फैसले की उम्मीद, Covid में काफी बाधित हुई पढ़ाई

बच्चों को 12वीं कक्षा में बेसिक चीजें भी क्लियर नहीं हो पाये, ऐसे में कॉलेज में छात्रों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पढ़ सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के चलते इस साल जहां 12वीं के विद्यार्थियों को प्रमोट (Promote) करने का फैसला लिया जा चुका है तो वहीं उच्च शिक्षा (Higher education) पर भी जल्द फैसला होने की संभावना नजर आ रही है.

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ऐसे में अब इसका असर विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के प्रवेश पर भी देखने को मिल रहा है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से बच्चों को बचाने के उद्देश्य से राजस्थान में 12वीं कक्षा के बच्चों को प्रमोट (Promote) करने का फैसला लिया गया हालांकि छात्रों का ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम के कोर्स पूरा करने पर जोर दिया गया लेकिन क्लास रूम की पढ़ाई और ऑनलाइन क्लासेज में में शिक्षक काफी अंतर देखते हैं.

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बच्चों को 12वीं कक्षा में बेसिक चीजें भी क्लियर नहीं हो पाये, ऐसे में कॉलेज में छात्रों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पढ़ सकता है. राजस्थान यूनिवर्सिटी (Rajasthan University) के काउंसलर दीपक सक्सेना का कहना है कि "कोरोना को लेकर छात्रों की मानसिकता में अलग भी बदलाव आ गया है. पहले जहां छात्र होटल मैनेजमेंट और टूर एण्ड ट्रैवल्स में अपना भाग्य आजमाते थे तो वहीं अब इस कोर्स से छात्रों ने दूरी बनाना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही ऑफलाइन क्लास में बच्चों को बेसिक चीजें क्लीयर होती थी लेकिन ऑनलाइन क्लास में ऐसा नहीं हो पाया. 

वीजा की समस्या और बॉर्डर सीज होने से भी बाधित हुई पढ़ाई 
12वीं कक्षा में प्रमोट हुए बच्चे जब प्रथम वर्ष में आएंगे तो शिक्षकों के सामने बड़ी चुनौती होगी उनकी मानसिकता में बदलाव लाना क्योंकि इस तरह की बीमारी 100 साल में एक बार आती है. इसके साथ ही कोरोना का असर विदेश से आने वाले और विदेश जाने वाले छात्रों की पढ़ाई पर रहा. वीजा की समस्या और बॉर्डर सीज होने से उनकी पढ़ाई भी बाधित हुई लेकिन अब धीरे-धीरे परिस्थियां सामाना होने लगी है. उम्मीद है कि छात्रों की मानसिकता में भी बदलाव देखने को मिलेगा."

 

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