देश में नकली नोटों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हाल ही में RBI की तरफ से आंकड़े जारी किए गए हैं.
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Fake Currency: देश में नकली नोटों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हाल ही में RBI की तरफ से आंकड़े जारी किए गए हैं. वित्त वर्ष 2021-2022 (FY 2021-2022) के नकली नोटों पर एक रिपोर्ट जारी की गई है. रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि वित्त वर्ष 2021-22 में जाली नोटों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई. कुल नकली नोटों की संख्या में 101.9% रही. जहां 2000 रुपये के नोटों में 54% और 500 रुपये के नोटों में दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है.
500 और 2000 के नोटों की संख्या रही ज्यादा
मीडिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ कि इन जाली नोटों की संख्या में सबसे ज्यादा 500 और 2000 रुपये के नोट हैं. कुल जाली नोटों में इन दोनों की संख्या 87.1% है. पिछले साल की बात करें तो दोनों ही नोटों की हिस्सेदारी 85.7% रही. मार्च 2022 में 500 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी 34.9% है.
5 रुपये के सिक्के का हुआ सबसे ज्यादा उपयोग
अगर सिक्कों की बात करें तो 5 रुपये के सिक्के का उपयोग सबसे ज्यादा किया जा रहा है. वहीं 1 रुपये के सिक्के का उपयोग सबसे कम देखा गया है.
50 और 100 रुपये के नकली नोटों की संख्या घटी
आखिर साल से तुलना की जाए तो 10 रुपये के नकली नोटों की संख्या 16.4% और 20 रुपये के नकली नोटों की संख्या में 16.5% की बढ़ोत्तरी देखी गई लेकिन दूसरी तरफ 50 रुपये के नकली नोट की संख्या में 28.7% की गिरावट और 100 रुपये के जाली नोटों में 16.7% की कमी आई है. 200 रुपये के नकली नोट की बात करें तो इनमें भी 11.7% का इजाफा देखा गया.
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