कल देशभर में खाद्य व्‍यापारी करेंगे हड़ताल, जीएसटी के नए प्रावधानों के विरोध में हड़ताल
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कल देशभर में खाद्य व्‍यापारी करेंगे हड़ताल, जीएसटी के नए प्रावधानों के विरोध में हड़ताल

18 जुलाई से घरेलू इस्तेमाल की बहुत सी चीजें महंगी हो जाएंगी. जिन चीजों के लिए आपको पहले कम पैसे देने पड़ रहे थे, अब उनके लिए थोड़ी और जेब ढीली करनी होगी. जो चीजें महंगी होने वाली हैं, उनमें पनीर, दही, लस्सी और छाछ जैसी चीजें शामिल हैं. जानें क्या क्या होगा महंगा-

महंगी होने वाली हैं पनीर, दही, लस्सी और छाछ.

Jaipur: सावन का पहला सोमवार महंगाई की झड़ी लगाने वाला भी होगा. 18 जुलाई से घरेलू इस्तेमाल की बहुत सी चीजें महंगी हो जाएंगी. जिन चीजों के लिए आपको पहले कम पैसे देने पड़ रहे थे, अब उनके लिए थोड़ी और जेब ढीली करनी होगी. जो चीजें महंगी होने वाली हैं, उनमें पनीर, दही, लस्सी और छाछ जैसी चीजें शामिल हैं.

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने गुरुवार को प्री-पैकेज्ड, प्री-लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित कुछ अन्य उत्पादों के लिए कर छूट समाप्त करने के जीएसटी परिषद के निर्णय को अधिसूचित कर दिया है. इसका विरोध भी देशभर में जबरदसत तरीके से जारी है. राजस्थान भी विरोध में कूद चुका है.

प्री पैक्ड और प्री लेबल गेहूं ,चावल और दालों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव का देशव्यापी विरोध शुरू गया है. जीएसटी काउंसिल के खाद्य उत्पादों से जुड़े अहम फैसलों का राजस्थान के कारोबारी भी विरोध कर रहे है. भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चैयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने भारत में कृषि जिंस कारोबार 16 जुलाई को बंद करने की घोषणा की है. केंद्र सरकार के वर्तमान आदेशों के अनुसार 18 जुलाई से जीएसटी की नई दर लागू कर दी जाएगी.

केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में देशभर में 7300 मंडियां, 13 हजार दाल मिल , 9600 चावल मिलों और 8 हजार आटा मिलों को बंद करने का निर्णय लिया है. इसमें राजस्थान की 247 कृषि उपज मंडियां, 300 आटा मिले और 150 चावल मिलें विरोध में शामिल होंगी. इसके अलावा देशभर की 30 लाख चक्कियां और 3 करोड़ रिटेल व्यापारियों ने भी बंद में भाग लेने की घोषणा की है. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ इस विरोध में साथ है.

क्या-क्या होगा महंगा
प्री-पैक्ड और लेबल्ड मीट और मछली, दही, लस्सी, पनीर, शहद और अनाज महंगा। इन पर अब जीएसटी छूट खत्म कर दी गई है. इन चीजों पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा. सोमवार से चेक जारी करने के लिए बैंकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क पर 18 प्रतिशत GST लगाया जाएगा.

5,000 रुपये से अधिक के अस्पताल के कमरे के लिए अब अधिक पैसा देना होगा. इस पर 5 फीसद जीएसटी देना होगा. मैप, एटलस और ग्लोब पर 12 फीसद की दर से जीएसटी लगेगी.

एलईडी लाइट, फिक्स्चर और एलईडी लैंप के लिए भी अधिक भुगतान करना होगा. इस पर अब 18 फीसद जीएसटी देना होगा. पहले इन चीजों पर जीएसटी की दर 12 फीसद थी. ब्लेड, चाकू, पेंसिल शार्पनर चम्मच, कांटे, करछुल आदि पर जीएसटी बढ़ाकर 18 फीसदी कर दी गई है. ऐसे में इन चीजों के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी.

पानी के पंप अब महंगे हो जाएंगे
बिजली से चलने वाले पानी के पंप अब महंगे हो जाएंगे. साइकिल पंप के दाम भी बढ़ जाएंगे. इन पर अब 18 फीसद जीएसटी देना होगा. मिलों में अनाज की सफाई, छंटाई या ग्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी, पवन चक्की, जल चक्की पर अधिक जीएसटी देना होगा.

अंडे, फल या अन्य कृषि उत्पादों और उनकी सफाई, छंटाई या ग्रेडिंग के लिए मशीनें और डेयरी उद्योग में काम आने वाली मशीनरी पर 18 फीसद जीएसटी देना होगा. सोलर वॉटर हीटर भी महंगे हो जाएंगे. तैयार चमड़ा और कम्पोजिशन लेदर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.

1000 रुपये तक की कीमत वाले होटल के कमरे पर 12 फीसद कर लगाया जाएगा. पहले इस पर छूट थी. सड़कों, पुलों, रेलवे, मेट्रो, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, श्मशान आदि के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर 18 फीसद जीएसटी लगेगी.

जीएसटी काउंसिल ने यह फैसला तब किया है जब देश में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. वहीं जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े भी उच्च स्तर पर है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 56 फीसदी बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.

यह लगातार पांचवां ऐसा महीना रहा, जब सरकार को जीएसटी से एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ है. मई 2022 में सरकार को जीएसटी से 1.40 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. अप्रैल 2022 में सरकार को जीएसटी से 1.68 लाख करोड़ रुपये मिले थे। मार्च 2022 में भी इनडाइरेक्ट टैक्सेज से 1.42 लाख करोड़ रुपये मिले थे.

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