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Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने लैब असिस्टेंट भर्ती-2018 की चल रही प्रक्रिया के बीच पात्रता बदलने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. सीजे अकील कुरैशी और जस्टिस एमके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश रामदेव व अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2013 में राजस्थान चिकित्सा एवं अधीनस्थ सेवा नियमों में संशोधन कर दसवीं कक्षा के साथ ही लैब टेक्नीशियन के डिप्लोमा को भर्ती के पात्र माना. वहीं, वर्ष 2018 में इन नियमों के आधार पर लैब टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती निकाली गई.
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सरकार के फैसले से अभ्यर्थी हुए अपात्र
याचिका में कहा गया कि फिलहाल भर्ती प्रक्रियाधीन है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने सेवा गत दिसंबर महीने में सेवा नियमों में बदलाव कर दिया और दसवीं पास की पात्रता को हटाते हुए इसे भूतलक्षी प्रभाव से वर्ष 2018 से लागू दिया. जिसके चलते याचिकाकर्ता भर्ती के लिए अपात्र हो गए और अब वे ऊपरी आयु सीमा भी पार कर चुके हैं.
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
याचिका में कोर्ट के सामने यह भी दलील रखी गई कि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद उसके नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने जल्द से जल्द सरकार को जवाब पेश करने का आदेश जारी किया है. अब सरकार को इस मामले में जवाब देना होगा कि सरकार ने लैब असिस्टेंट भर्ती-2018 की चल रही प्रक्रिया के बीच पात्रता क्यों बदली थी.
Reporter- mahesh pareek