जयपुर दिल्ली और जयपुर आगरा नेशनल हाइवे के अलावा जयपुर अलवर सड़क मार्ग से जुड़े मनोहरपुर दौसा नेशनल हाइवे पर एक बार फिर से सड़क दुर्घटना का ग्राफ बढ़ा है, यहां हाइवे पर पिछले 10 दिन में तीन बड़े सड़क हादसे हुए है.
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Jamwa Ramgarh: जयपुर दिल्ली और जयपुर आगरा नेशनल हाइवे के अलावा जयपुर अलवर सड़क मार्ग से जुड़े मनोहरपुर दौसा नेशनल हाइवे पर एक बार फिर से सड़क दुर्घटना का ग्राफ बढ़ा है, यहां हाइवे पर पिछले 10 दिन में तीन बड़े सड़क हादसे हुए है. जिसमें 24 लोग घायल हुए है जिनमें से दो जनों की मौत हो गई. अचानक हादसों की संख्या में इजाफा होने के बाद ग्रामीणों और पुलिस के सिर पर चिंता छा गई है, ऐसे में ग्रामीण इस दो लेन हाइवे को फोरलेन बनाने की मांग करने लगे है.
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समाजसेवी किरोड़ीलाल मीणा माथासूला, राम पारीक रायसर, रामनारायण मीणा जोधराला सहित अन्य ने बताया कि मनोहरपुर दौसा हाइवे बनने के बाद ग्रामीणों में खुशी थी लेकिन अब हाइवे पर दिनों-दिन बढ़ते यातायात से आए दिन दुर्घटनाएं होने लगी है. हाइवे के बीच डीवाइडर नहीं होने से अधिकांश हादसे आवेरटेक करने की फेर में होते है, जिसके चलते लोग अकाल मौत का ग्रास बन रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह हाइवे फोरलेन में तब्दील हो जाए तो हादसे भी रुक जाए और वाहन चालकों के अलावा हाइवे से सटें दो दर्जन से अधिक गांव-कस्बों को अधिक सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा.
...तो समय पर मिले इलाज
मनोहरपुर दौसा नेशनल हाइवे पर ट्रोमा अस्पताल नहीं होने से दुर्घटना में घायल हुए व्यक्तियों को समय पर इलाज नहीं मिलता है. हाइवे पर घायलों को एम्बुलेंस चंदवाजी स्थित निम्स अस्पताल ले जाती है, जो काफी दूर स्थित है, ऐसे में कई बार गम्भीर घायल अस्पताल जाते-जाते बीच रास्ते में दम तोड़ देते है. लोगों ने बताया कि मनोहरपुर दौसा हाइवे पर हाइवे निर्माण कम्पनी की ओर केवल एक एम्बुलेंस है. कई बार दुर्घटना स्थल दूर होने से एम्बेुंलस समय पर नहीं पहुंचती है, ऐसे में घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए इंतजार करना पड़ता है.
10 दिन में 3 बड़े हादसें
जानकारी के अनुसार मनोहरपुर दौसा नेशनल हाइवे पर पिछले दस दिन में तीन बड़े हादसे हो चुके है. इनमें 9 जुलाई को पायलों के समीप ट्रेलर और बस भिडंत में 6 जनें घायल हुए थे. 10 जुलाई को दांतली के पास दो कारों में हुई भिडंत में 7 लोग घायल हुए थे, जिनमें से एक की मौत हो गई थी. वहीं 17 जुलाई को रायसर पुलिया के पास ट्रैक्टर को बचाने की फेर में दो कारों में आमने-सामने की भिडंत में 14 लोग घायल हुए थे, यहां भी हादसे में गम्भीर घायल हुए एक जने की उपचार के दौरान मौत हो गई थी.
हाइवे के बीच में डिवाडर नहीं होने और वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों की पालना नहीं करने से दुर्घटनाएं हो रही है, इसके लिए पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है. रामधन सांडीवाल, थाना प्रभारी, रायसर हाइवे पर घायलों को कई बार समय पर उपचार नहीं मिलने से उनकी मौत हो जाती है. हाइवे पर सरकार को ट्रोमा सेंटर खोलना चाहिए, जिससे घायलों की जान बच सकें. हाईवे पर ट्रॉमा सेंटर होना जरूरी है और इसके लिए जल्दी मुख्यमंत्री को लिखूंगा और बजट सत्र तक इसे पारित करवाया जाएगा.
Reporter: Amit Yadav
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