Jaipur News: विदेशी रोगियों के किडनी ट्रांसप्लांट मामले में फोर्टिस अस्पताल की जांच के दौरान अब किडनी ट्रांसप्लांट के बाद एक मरीज की मौत के मामले में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और गलत इंजेक्शन का आरोप लगाया है.
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Jaipur News: विदेशी रोगियों के किडनी ट्रांसप्लांट मामले में फोर्टिस अस्पताल की जांच के दौरान अब किडनी ट्रांसप्लांट के बाद एक मरीज की मौत के मामले में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और गलत इंजेक्शन का आरोप लगाया है. मरीज के परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया, जिस पर जवाहर सर्किल थाना पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की.
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इस घटना के संदर्भ में बताया गया कि, 47 साल के नरेश कुमार जायसवाल को 23 मार्च को किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था, जिसमें उन्हें अपनी मां की किडनी दी गई थी. उसके बाद 30 मार्च को मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. अस्पताल प्रशासन की ओर से 4 अप्रैल को उन्हें रूटीन जांच के लिए बुलाया गया था.
मरीज के भतीजे नमन जायसवाल ने मामले को लेकर बताया कि, हमने चाचा की सभी जांच करवाई उसमें कुछ नहीं आया . इसके लिए अस्पताल ने हमसे बाहर से जांचे करवाने के लिए 5 हजार रूपए भी लिए थे. इसके बावजूद चाचा की तबियत लगातार बिगड़ी रही. 19 अप्रैल को उन्हें छुट्टी देने वाले थे, लेकिन उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इसके साथ ही उन्हें इंजेक्शन भी दिया गया, जिससे उनकी और तबीयत बिगड़ गई. बाद में, दूसरा इंजेक्शन देने से रोक दिया गया. थोड़ी देर बाद दूसरा इंजेक्शन लगा दिया और डेथ हो गई.
परिजनों ने बाद में अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि इन्होंने ट्रांसप्लांट भी किया है या नहीं इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये एक लग्जरी होटल है यहां घुसने के बाद आपको कोई पूछने वाला नहीं है.
वहीं इस पूरे मामले में जवाहर सर्किल थाना के इंचार्ज विनोद सांखला ने कहा कि, परिजनों की शिकायत पर बोर्ड बनवाकर इसकी जांच करवाई जाएगी. वही अस्पताल प्रशासन का भी कहना है कि मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था, बाद में मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. अब परिजनों की शिकायत पर जांच करवाएंगे. जिससे मौत के कारणों का पता चल सके. इसी के साथ परिजनों ने बताया कि, जब उन्होंने मरीज की अचानक तबीयत खराब होने का कारण पूछा तो डॉक्टर्स ने कुछ भी जवाब नहीं दिया. इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन की ओर से मौके पर बाउंसर्स को भी बुलाया गया.
वही अस्पताल में हंगामा बढ़ते देख पुलिस ने परिवार के साथ समझाइस की जिसके बाद परिजन माने. इसके बाद जयपुर के ही जयपुरिया अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे ले गए.
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