जयपुर में जगतपुरा स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर छोटिकाशी में हर ओर गिरिराज महाराज के जयकारे की गूंज सुनाई दी.
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Jaipur: जयपुर में जगतपुरा स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर में भव्य गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव मनाया गया. गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर छोटिकाशी में हर ओर गिरिराज महाराज के जयकारे की गूंज सुनाई दी. विभिन्न मंदिरों में सजाए गए अन्नकूट (छप्पनभोग) दर्शन के लिए देर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा. मंदिर के वृन्दावन उद्यान में गोवर्धन पूजा महोत्सव के अवसर पर विशाल गोवेर्धन पर्वत बनाकर भव्य रूप से सजाया और छप्पन भोग लगाया गया. इस दौरान भगवान की गोवर्धन की लीला की झांकी सजाई गई.
जब भगवान श्रीकृष्ण ने धारण किया गोवर्धन पर्वत
जब भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन के निवासियों को इंद्र-यज्ञ की तैयारी करते देखा तो, उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें इंद्र की पूजा को त्याग देना चाहिए और इसके बजाय गोवर्धन की पूजा करनी चाहिए. इस पर इंद्र क्रोधित हो गए और वृंदावन पर विनाशकारी वर्षा की. ऐसे में भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी कनिष्का उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठाया और वृंदावन के सभी निवासियों को आश्रय दिया.
इस दौरान हरे कृष्ण मूवमेंट जयपुर के अध्यक्ष श्री अमितासन दास ने बताया कि दिवाली के त्यौहार के अगले दिन गोवर्धन की पूजा की परंपरा द्वापर काल से चली आ रही है. आज यह त्यौहार पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान कृष्ण ने इंद्र के प्रकोप से हुई भारी वर्षा से ब्रजवासियों को उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा कर उनकी रक्षा की थी. वहीं भगवान श्री कृष्ण इस कलियुग में हम सबकी रक्षा करने के लिए और हमारा उद्धार करने के लिए गोवर्धन नाम के रूप में अवतरित हुए हैं.
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