Jaipur: सीएम के गृह जिले में जेजेएम घोटाले पर इंजीनियर तलब,कई अफसरों पर गिर सकती गाज
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Jaipur: सीएम के गृह जिले में जेजेएम घोटाले पर इंजीनियर तलब,कई अफसरों पर गिर सकती गाज

Jaipur news: राजस्थान के जल जीवन मिशन घोटाले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले समेत चार रीजन्स के एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को तलब किया.लेकिन जल्द ही जिम्मेदार इंजीनियर्स पर गाज गिरना तय है.

जेजेएम घोटाले पर इंजीनियर तलब

Jaipur news: राजस्थान के जल जीवन मिशन घोटाले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले समेत चार रीजन्स के एडिशनल चीफ इंजीनियर्स को तलब किया. जल भवन मुख्यालय में आज जेजेएम चीफ इंजीनियर आरके मीणा को रिपोर्ट सौपी.लेकिन जल्द ही जिम्मेदार इंजीनियर्स पर गाज गिरना तय है.

SIT के गठन से पहले PHED में हलचल तेज
राजस्थान में सरकार बदलते ही जलदाय विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर भजनलाल सरकार में कार्रवाई तेजी से आगे बढ रही है.नेशनल जल जीवन मिशन ने 51 गांवों में सर्वे की रिपोर्ट में भारी अनियमित्ताएं पाई गई,जिसकी रिपोर्ट जलदाय विभाग के एडिशनल चीफ सैकेट्री सुबोध अग्रवाल को भेजी थी.अब आज केंद्रीय जांच दल की टीम की रिपोर्ट पर चार एडिशनल चीफ इंजीनियर्स ने एक्शन टेकन रिपोर्ट दी है.

केंद्रीय जांच टीम में भारी अनियमित्तताएं पाई गई थी.JJM घोटाले में SIT के गठन से पहले PHED में हलचल तेज है.सीएम के गृह जिले में घोटाले पर ACE को तलब किया.भरतपुर के साथ जयपुर 1-2,अलवर ACE को भी रिपोर्ट के साथ बुलाया.चारों एडिशनल चीफ इंजीनियर्स ने चीफ इंजीनियर JJM आरके मीणा को रिपोर्ट सौंप दी है.लेकिन JJM CE आरके मीणा तो खुद ED के शिकंजे में है.फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के मामले में चीफ इंजीनियर आरके मीणा को ईडी पूछताछ के लिए बुला रही है.

भारी अनियमित्ताएं मिली

केंद्रीय जल जीवन मिशन की जांच में जमकर पोल खुली.नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई.DI पाइप की जगह HDPE पाइप डाले गए,यानि लोहे ही जगह प्लास्टिक के पाइप डाले गए.इसमें सबसे बडा भ्रष्टाचार हुआ,क्योकि DI पाइप की कीमत HDPE से 4 गुना अधिक होती है.साइट पर जांच लैब होनी चाहिए,लेकिन साइटों पर टेस्टिंग लैब नहीं.एक्सईएन के सामने केसिंग पाइप की वीडियोग्राफी नहीं हो पाई.घटिया पाइप डाले गए,हालांकि पाइपों की लैब रिपोर्ट आना बाकी.

पंपसेट 3 से 5 स्टार तक डालने थे,बिना स्टार रेटिंग के पंपसेट डाले.पंपसेट अच्छी क्वालिटी के लगते है तो बिजली की खपत कम होती है.बहरोड में 6 ट्यूबवेल पास में खोदे,200 मीटर की दूरी पर खोदने थे.बहुत जगहों पर कम गहराई पर पाइप लाइन बिछाई गई.नियमों के तहत 1 मीटर की गहराई पर पाइप लाइन डालनी थी.

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