Jaipur News: राजस्थान सरकार राइजिंग राजस्थान के माध्यम से औद्योगिक निवेश बढ़ाने के प्रयास कर रही है, लेकिन पूर्व सरकारों की लचर नीतियों के कारण औद्योगिक विकास में चुनौतियाँ आ रही हैं. जयपुर के प्रहलादपुरा औद्योगिक क्षेत्र इसका जीवंत उदाहरण है, जो पिछले 8 वर्षों से लिंक रोड की अनुपलब्धता से जूझ रहा है. उद्योगपति जेडीए और रीको के चक्कर लगा रहे हैं, जबकि स्थानीय निवासियों ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है.
सुविधाएं मुहैया कराने का भरोसा कब तक
राजस्थान में प्रहलादपुरा औद्योगिक क्षेत्र एक महत्वपूर्ण विकास है, जिसकी घोषणा रीको ने 2016 में सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के रूप में की थी. यहाँ उद्योगपतियों को सरकार द्वारा सभी सुविधाएँ मुहैया कराने का भरोसा दिया गया था, जिस पर यकीन करते हुए उन्होंने रीको से भूखंड खरीदे और निवेश किया. वर्तमान में, इस क्षेत्र में 300 से अधिक इकाइयों में लगभग 8,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है, जहाँ लगभग 15,000 लोग काम करते हैं.
प्रहलादपुरा औद्योगिक क्षेत्र का सालाना टर्नओवर लगभग 3,000 करोड़ रुपये है, जो इसके महत्व को दर्शाता है. हालाँकि, यह औद्योगिक क्षेत्र पिछले 8 वर्षों से एक मूलभूत समस्या से जूझ रहा है - सड़क की अनुपलब्धता. यह उद्योगपतियों और स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिन्हें सरकार से जल्द से जल्द समाधान की उम्मीद है.
प्रहलादपुरा औद्योगिक क्षेत्र में सड़क की अनुपलब्धता के कारण ग्रामीण बस्ती के बीच से एक वैकल्पिक रास्ता बनाया गया है, जिससे भारी-भरकम औद्योगिक वाहन गुजरते हैं. यह स्थिति हमेशा दुर्घटना की आशंका बनाए रखती है. हाल ही में हुई एक दुर्घटना के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी, जिसके बाद उन्होंने सरकार और प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि दो हफ्ते के भीतर औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक सुरक्षित और अलग सड़क नहीं बनाई जाती, तो वे औद्योगिक वाहनों को बस्ती में घुसने नहीं देंगे. यह स्थिति औद्योगिक क्षेत्र के संचालन और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती है.
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प्रहलादपुरा औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगपति भी गहरी चिंता में हैं. यहाँ के सभी वाहनों को एक छोटी सी गली से गुजरना पड़ता है, जिसमें अक्सर ट्रकों के आने से दूसरे वाहनों को 300 मीटर तक बैक गियर में पीछे चलना पड़ता है. इससे लोडिंग वाहनों और भरे हुए माल को नुकसान होने की आशंका बनी रहती है. साथ ही, ग्रामीणों के विरोध का सामना भी करना पड़ता है.
दरअसल, प्रहलादपुरा को सीतापुरा से जोड़ने के लिए एक लिंक रोड बनाया गया था, लेकिन इस रोड के बीच में खातेदारी की कुछ जमीन है, जिसे रीको और जेडीए मिलकर अभी तक अवाप्त नहीं कर पाए हैं. इसके कारण, पिछले 8 साल से प्रहलादपुरा औद्योगिक क्षेत्र के वाहन 10 फिट की गली से गुजरने को मजबूर हैं. यह स्थिति उद्योगपतियों के लिए बहुत परेशानी का कारण है और उन्हें अपने व्यवसाय को सुचारु रूप से चलाने में मुश्किलें आ रही हैं.
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