Nagaur Mayara : नागौर जिले में पिछले 20 दिनों में हुई तीन शादियों में 13 करोड़ से भी ज्यादा का मायरा भरा गया है. भरे गए इन तीन मायरों की चर्चा देशभर में है. राजस्थान में यह सदियों पुराना रिवाज है.
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Nagaur Mayara : नागौर की शादियां इन दिनों देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. पिछले 20 दिनों में हुई तीन शादियों में 13 करोड़ से भी ज्यादा का मायरा भरा गया है. जिसके बारे में देश का हर एक व्यक्ति जानना चाहता है. चलिए आपको बताते हैं इन तीनों शादियों की कहानी जहां भाइयों और मामा ने अपनी भांजियों को करोड़ों रूपये का मायरा भरा.
नागौर जिले के मेड़ता के धनपा गांव की कमला के बेटे की शादी पर 8 मार्च को उसके भाइयों ने उसका सवा दो करोड़ का मायरा भरा. कमला के भाई दीनाराम, मुन्नाराम, रामनिवास और रूपाराम पेशे से किसान हैं. चारों मामा ने मिलकर एक करोड़ 21 लाख नकद, 84 तौला सोना और सवा किलो के चांदी चढ़ाई तो चर्चा दूर तलक तक हुई.
इसके बाद 15 मार्च को एक और मायरे ने देश का ध्यान नागौर की ओर खिंचा. झाड़ेली गांव की अनुष्का की शादी में उसके नाना भंवरलाल गरवा मायरा लेकर पहुंचे तो हर कोई देखता रह गया. घेवरी देवी और भंवरलाल पोटलिया की बेटी अनुष्का की शादी में उसके किसान भाइयों ने 3.21 करोड़ रुपए का मायरा भरा. जिसमें 81 लाख रुपए के अलावा खेती के लिए साढ़े 16 बीघा जमीन, नागौर रिंग रोड पर करीब 30 लाख रुपए की कीमत का प्लॉट, 41 तोला सोना और 3 किलो चांदी दी गई. इतना ही नहीं बल्कि इसके साथ ही अनाज से भरी नई ट्रैक्टर-ट्रॉली भी दी. ऐतिहासिक मायरा भरने वाले दोनों भाईयों में बड़ा भाई दिनेश गोदारा इराक में अमेरिकन एंबेसी में कार्यरत है.
इसके कुछ दिनों बाद ही नागौर के शिवपुरा गांव में सबसे बड़ा 8 करोड़ का मायरा भरा गया. इसमें ढींगसरा गांव निवासी 6 भाई अर्जुन राम मेहरिया, भागीरथ मेहरिया, उम्मेदाराम मेहरिया, हरिराम मेहरिया, मेहराम मेहरिया, प्रह्लाद मेहरिया ने अपनी लाड़ली बहन के लिए 8 करोड़ का मायरा भरा. 2.21 करोड़ रुपए कैश, 1 किलो सोना, 14 किलो चांदी, 100 बीघा जमीन और एक बीघा का प्लाॅट दिया। इसके अलावा एक ट्रैक्टर-ट्रॉली भर कर गेहूं व घी से भरा घड़ा दिया गया. साथ ही गांव के हर परिवार को चांदी का सिक्का भी दिया गया.
नागौर जिले में भरे गए इन तीन मायरों की चर्चा देशभर में है. राजस्थान में यह सदियों पुराना रिवाज है. जिसमें मामाओ द्वारा अपने भाणजे या भाणजी की शादी होने पर ननिहाल पक्ष की तरफ से मायरा भरा जाता है. इन गावों में मायरे को आज भी गीतों में गाया जाता है. मायरे के गीतों में गाया जाता है कि "बीरा बणजे तु जायल रो जाट,बणजे खिंयाला रो चौधरी".
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