नोडल अधिकारी आशुतोष एटी ने बताया कि कोविड मरीजों को समय से ऑक्सीजन उपलब्ध हो, इसको लेकर हाईवे पर ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
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Jaipur: कोरोना संक्रमण (Corona infection) के बीच सबसे ज्यादा किल्लत ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) की है. इसके अभाव में कई मरीजों की जानें जा रही हैं. जब इस किल्लत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रदेश को ऑक्सीजन आवंटित की तो अब ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले टैंकर नहीं मिल रहे हैं.
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केंद्र ने प्रदेश को प्रतिदिन 140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित कर दी है लेकिन अब इसे विभिन्न जिलों में पहुंचाने को लेकर समस्या खड़ी हो गई है. इसकी वजह है प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले टैंकरों का नहीं होना. 140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में से 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भिवाड़ी से तो 40 मीट्रिक टन जामनगर से आनी है. भिवाड़ी में 20 टैंकरों की आवश्यकता है.
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ग्रीन कॉरिडोर और डबल ड्राइवर रखकर 14 से ही काम चलाया जा रहा है. जामनगर से हर दिन 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लाने के लिए 10 टैंकरों की जरूरत है, जबकि उपलब्ध 2 ही हैं. उधर जीपीएस के माध्यम से ऑक्सीजन लाने वाले टैंकरों को लाने-ले जाने की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से टैंकर प्लांट से कब निकला और कब मंजिल पर पहुंचेगा, इसकी मॉनिटरिंग के लिए उद्योग भवन में आईएएस आशुतोष एटी ने निर्देशन में अधिकारियों की टीम लगा रखी है, जो कि जीपीएस सिस्टम से उनके रूट पर नजर रखे हुए हैं.
नोडल अधिकारी आशुतोष एटी ने बताया कि कोविड मरीजों को समय से ऑक्सीजन उपलब्ध हो, इसको लेकर हाईवे पर ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जीपीएस के माध्यम से एक एप्लीकेशन (एप) पर ऑक्सीजन टैंकर के आगे से आगे पहुंचने की पुख्ता जानकारी मिलती है. जैसे ही हमारे बॉर्डर पर टैंकर पहुंचने का मैसेज मिलता है, वे ग्रीन कॉरिडोर की मॉनिटरिंग में जुट जाते हैं.