भगवान के जागने के साथ ही चार माह से शादी विवाह, मुंडन सहित बड़े मांगलिक कार्यों पर लगा विराम समाप्त हो जाएगा और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी.
Trending Photos
Jaipur: करीब चार महिनों की खामोशी के बाद अब कानों में शहनाई की गूंज सुनाई देनी शुरू हो जाएगी. चार माह बाद देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) से शेषनाग की शय्या पर योग निद्रा में सो रहे भगवान श्रीहरि विष्णु कल देवउठनी एकादशी पर जागेंगे. भगवान के जागने के साथ ही चार माह से शादी विवाह, मुंडन सहित बड़े मांगलिक कार्यों पर लगा विराम समाप्त हो जाएगा और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी.
कोरोना काल में अनलॉक के दौर मे डेढ़ साल बाद फिर से शहनाइयों की गूंज में बाराती, घराती और मेहमानों की रौनक नजर आएगी. 14 नवंबर यानी की कल से चार महीने बाद देवउठने से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी. हालांकि पहला पंचागीय सावे की शुरुआत 20 नवंबर से होगी. इसके बाद नवंबर-दिसंबर में बैड, बाजा और बारात की रंगत देखने को मिलेगी. मेहमानों की शादी में छूट मिलने के बाद परकोटे सहित अन्य बाजारों में खरीददारी की रौनक देखते ही बन रही है.
यह भी पढ़ें- Gold Silver Price Jaipur: सोना-चांदी के दामों में उछाल, जानिए नए भाव
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक अबूझ सावे के रूप में मान्य देव प्रबोधिनी एकादशी से समूचे राजस्थान (Rajasthan News) में सैकडों की संख्या में विवाह समारोह की धूम रहेगी. क्षीर सागर में सोए भगवान विष्णु जागने के दिवस देव प्रबोधिनी एकादशी को किसी प्रकार के ग्रहबल की आवश्यकता नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे. घराती-बारातियों के साथ बैण्डवादक, पंडित, कंदोई, टेंट व्यवसायी, घोड़ीवाले, डेकोरेटर्स भी व्यस्त हो गए है.
विवाह शुभ मुहूर्त में किया जाएं तो जीवनसाथी जीवनभर एक-दूसरे के साथ सुखी रह पाते है. हिन्दू धर्म (Hindu religion) के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन जब भगवान विष्णु शयनावस्था से उठते है, उसके बाद ये ही मांगलिक कार्यक्रमों का आरम्भ होते हैं. देवउठनी एकादशी पर प्रदेश में करीब 25 हजार से अधिक शादियां होंगी, इसके लिए होटल, रिसोर्ट्स, मैरिज गार्डन बुक होकर सज चुके हैं.
यह भी पढ़ें- Jaipur Airport पर बढ़ेंगी कॉमर्शियल गतिविधियां, बेहतर होगी वित्तीय स्थिति
राजधानी जयपुर (Jaipur News) की बात करें तो यहां 80 फीसदी विवाह स्थल बुक हो चुके है. शहर में करीब 1500 से अधिक शादियां होंगी. हालांकि करीब 4 माह के चातुर्मास के बाद पहला पंचागीय सावा 20 नवंबर को होगा. नवंबर में 20, 21, 22, 28, 30 दिसंबर में 1, 6, 7, 8, 9, 11, 13 का सावे रहेंगे. इसके बाद धनु मलमास से 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक होने से मांगलिक कार्य नहीं होंगे. वहीं, इसके बाद 22, 23 जनवरी, फरवरी में 5, 6, 9, 10, 18, 20 तक सावे रहेंगे. इसके बाद गुरु का तारा 24 फरवरी से अस्त होगा. इसमें शुभ कार्य नहीं होंगे, वहीं 25 मार्च को यह उदय होगा.
कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन (Lockdown) और उसके बाद कोरोना गाइडलाइंस के कारण शादियों और शहनाइयों का मौसम पाबंदियों में ही बीता. इसके बाद हाल ही राज्य सरकार (State Government) ने नई गाइडलाइंस जारी की है. इसमें शादी समारोह में मेहमानों की संख्या पर लगाई गई पाबंदियां हटा दी गई हैं. ऐसे में अब फिर से बैंड, बाजा, बारात की धूम होगी. वहीं, शादियों से जुड़े कारोबार में भी बूम आएगा.
यह भी पढ़ें- Rajasthan Weather Update: रात के तापमान में गिरावट, आने वाले दिनों में मौसम बदलने के आसार
अब देवउठनी एकादशी 14 नवंबर से शादियों का सिलसिला शुरू होने जा रहा है. ये शादियां अब पहले जैसी चकाचौंध और बारातियों से खचाखच भरी होंगी. हालांकि मास्क, सैनिटाइजेशन आदि का पालना करना अब भी जरूरी होगा. आल इंडिया टेंट डेकोरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि जिंदल के मुताबिक दीपोत्सव में नई इबारत लिखी जाने के बाद वेडिंग इंडस्ट्री (Wedding industry) भी कारोबार का नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में जुट गई है.
इस महीने शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा. सरकार ने शादी समारोह से मेहमानों की छूट से शादी वाले परिवारों-मित्रों में खुशी की लहर दौड़ा दी है. वे सबके साथ खुशियां बांट सकते हैं. अधिकतर मैरिज गार्डन-रिसोर्ट, सामुदायिक केंद्र दिसंबर तक बुक हैं. अब शादी में मनमर्जी मेहमानों की छूट से जनवरी से मार्च तक के सावों के लिए बुकिंग कराने वालों की भीड़ बढ़ेगी. कई लोगों ने 200 मेहमान बुलाने की छूट के मद्देनजर होटल और रिसॉर्ट बुक किए थे. ऐसे लोग भी अब ज्यादा मेहमान बुलाएंगे. ऐसे में मैरिज गार्डन की बुकिंग में जोरदार उछाल आएगा. इससे केटरिंग, इवेंट, बैंड और लवाजमा क्षेत्र को भी फायदा मिलेगा.
यह भी पढ़ें- शिक्षक भर्ती में आवेदन की अंतिम तिथि तक पात्रता प्राप्त करने की छूट, जानिए CM Gehlot ने लिए कौन-कौन से निर्णय
बहरहाल, कोरोना (Covid) महामारी के कारण अब तक कम संख्या में ही मेहमानों को बुलाया जा रहा था. इससे लोगों ने बजट भी छोटा कर दिया था. वहीं, बारात निकालने पर भी पाबंदी थी. ऐसे में शादी व्यवसाय से जुड़े हर व्यवसायी को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. अब सरकार के आदेश के बाद एक बार फिर व्यवसायियों में खुशी की लहर है. हलवाइयों और कैटरर्स (Caterers) के अनुसार पिछले साल तक 5-6 आयटम्स ही सीमित थे. ऐसे में कैटरर्स को काफी नुकसान झेलना पड़ा. अब इस सीजन से फिर उम्मीद बंधी है.