कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार ने 15 आपूर्ति वाहन भिजवाए,पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने दिखाई हरी झंडी
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कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार ने 15 आपूर्ति वाहन भिजवाए,पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने दिखाई हरी झंडी

Jaipur News: मंत्री जोराराम कुमावत ने गौशालाओं में पानी और छाया के इंतजाम के लिए दिए गए प्रति गौशाला बजट की भी जानकारी दी.

Joraram Kumawat

Jaipur News: प्रदेश में नस्ल सुधार को बढ़ावा देने के लिए किए जाने वाले कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार ने 15 आपूर्ति वाहन भिजवाए हैं. यह वाहन राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड द्वारा खरीदने के बाद 15 अलग-अलग जिलों में भेजे गए हैं, जो कि लिक्विड नाइट्रोजन की आपूर्ति के लिए उपयोग में लिए जाएंगे. पशुपालन एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बोर्ड कार्यालय से इन वाहनों को हरी झंडी दिखाई.

ये वाहन भारत सरकार की वित्त पोषित योजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत खरीदे गए हैं. इस मौके पर पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़, पशुधन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आनंद सेजरा और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे. इस मौके पर पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि इससे कृत्रिम गर्भाधान की प्रक्रिया आसान होगी. वहीं मोबइल वेटरनरी यूनिट का सही उपयोग नहीं होने और 4 महीने तक कॉल सेंटर शुरू नहीं होने को लेकर मंत्री बोले कि इसमें देरी हुई है, लेकिन अब हमें वित्त विभाग से अनुमति मिल चुकी है और जल्द ही कॉल सेंटर शुरू किया जाएगा. मंत्री ने गौशालाओं में पानी और छाया के इंतजाम के लिए दिए गए प्रति गौशाला बजट की भी जानकारी दी.

15 जिलों में भेजे गए लिक्विड नाइट्रोजन आपूर्ति वाहन

- भीलवाड़ा, नागौर, कुचामनसिटी, चित्तौड़गढ़, सवाईमाधोपुर, कोटा

- बूंदी, झालावाड़, पाली, जालौर, सिरोही, चूरू, जयपुर

- दौसा और झुंझुनूं जिलों में भेजे गए लिक्विड नाइट्रोजन आपूर्ति वाहन

- पहली बार इन वाहनों में पुली सिस्टम भी लगाया गया

- जिससे कार्मिकों को जार का वजन उठाने की समस्या नहीं रहेगी

- 2.14 करोड़ रुपए की लागत से खरीद कर वाहन भेजे गए

- 13 जिलो में लिक्विड नाइट्रोजन के स्टोरेज के साइलो लगाए जा रहे

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