जस्टिस मूलचंदानी ने किया राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद पर ज्वॉइन, बोले- मानवाधिकार के उल्लंघन पर करेंगे कठोर कार्रवाई
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जस्टिस मूलचंदानी ने किया राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद पर ज्वॉइन, बोले- मानवाधिकार के उल्लंघन पर करेंगे कठोर कार्रवाई

Rajasthan News: राज्यपाल ने गुरुवार को राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के रिक्त पड़े पद पर रिटायर्ड जस्टिस गंगाराम मूलचंदानी की नियुक्ति को स्वीकृति दी. इसके बाद आज शुक्रवार को जस्टिस मूलचंदानी ने कार्यभार ग्रहण किया.

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Rajasthan News:रिटायर्ड जस्टिस गंगाराम मूलचंदानी ने राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद पर कार्यभार ग्रहण किया. इस अवसर पर जस्टिस मूलचंदानी ने कहा कि मानवाधिकार के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई करेंगे, वहीं लोगों के मानवाधिकार सुरक्षित और संरक्षित रहे इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाएंगे.

राज्यपाल ने गुरुवार को राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के रिक्त पड़े पद पर रिटायर्ड जस्टिस गंगाराम मूलचंदानी की नियुक्ति को स्वीकृति दी. इसके बाद आज शुक्रवार को जस्टिस मूलचंदानी ने कार्यभार ग्रहण किया. इससे पहले मूलचंदानी का सचिवालय स्थित आयोग के कार्यालय पहुंचने पर आयोगकर्मियों और अधिकारियों स्वागत किया. 

इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में जस्टिस गंगाराम मूलचंदानी ने आयोग अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया. मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने अपने संकल्प और कार्य योजनाओं को स्पष्ट करते हुए मानव अधिकारों की सुरक्षा और जनमानस की समस्याओं को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया.

जस्टिस मूलचंदानी ने मीडिया से बातचीत में मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण को प्राथमिकता देने की बात कही. उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं और मानव अधिकारों से संबंधित बिंदुओं काे विधायी परिप्रेक्ष्य में स्थायी और प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा.

जस्टिस मूलचंदानी ने वर्तमान समय में पब्लिक लाइफ में मूल्यों की कमी पर चिंता जताई और कहा कि लोग अधिकारों का अतिक्रमण कर रहे हैं और विधायी प्रावधानों का पालन न करके उनका उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मानव अधिकारों का क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है और इन्हें प्रोटेक्ट करने के लिए और लोगों में जागरूकता लाने के लिए आयोग प्रभावी कार्रवाई करेगा.

मानव अधिकारों का उल्लंघन करने पर
जहां भी मानव अधिकारों के उल्लंघन की शिकायतें आएंगी, वहां अनुसंधान किया जाएगा. जस्टिस मूलचंदानी ने कहा कि वह स्वयं इन शिकायतों को देखेंगे, विशेषकर कस्टोडियल परेशानियों के मामले में. अगर पुलिस द्वारा किसी प्रकार का मानव अधिकारों का उल्लंघन होता है और यह आयोग के संज्ञान में आता है, तो इस पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

मानवाधिकारों के मामले में पेंडेंसी पर
पेंडिंग मामलों की जांच कराई जाएगी और सभी के सहयोग से उन्हें जल्द से जल्द विधिसम्मत रूप से निपटाया जाएगा. जस्टिस मूलचंदानी ने विश्वास व्यक्त किया कि इन प्रयासों से मानव अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण में महत्वपूर्ण प्रगति होगी. गंगाराम मूलचंदानी की राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष पद पर पदभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष या 70 साल उम्र तक नियुक्ति हुई है. 

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