Rajasthan News: प्रदेश में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर, जयपुर में ज्यादातर दिनों में 100 से अधिक AQI
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Rajasthan News: प्रदेश में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर, जयपुर में ज्यादातर दिनों में 100 से अधिक AQI

Rajasthan News: जयपुर सहित राजस्थान के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. 100 से कम एयर क्वालिटी इंडेक्स को पर्यावरण विभाग की भाषा में ग्रीन डे माना जाता है. लेकिन अब ये ग्रीन डे कम होते जा रहे हैं.

Rajasthan News: प्रदेश में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर, जयपुर में ज्यादातर दिनों में 100 से अधिक AQI

Rajasthan News: जयपुर सहित राजस्थान के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. 100 से कम एयर क्वालिटी इंडेक्स को पर्यावरण विभाग की भाषा में ग्रीन डे माना जाता है. लेकिन अब ये ग्रीन डे कम होते जा रहे हैं. राजधानी जयपुर में तो मात्र 4 साल में ही ग्रीन डेज की संख्या में गिरावट आई है. पर्यावरण संरक्षण की जागरुकता के लिहाज से वर्ष 1973 में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत हुई थी. 

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर कई नवाचार किए जा रहे हैं. खासतौर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने इस बार इसे 7 दिन का एक उत्सव बना दिया है. इस दौरान प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से एक तरफ जहां इसके स्टेक होल्डर्स को जागरूक किया जा रहा है. वहीं आमजन को जागरूक करने के लिहाज से कार्यशाला और रैली का आयोजन किया जा रहा है. 

यह आयोजन इसलिए जरूरी लग रहे हैं, क्योंकि प्रदेश में अब पर्यावरण को वाकई में संरक्षण की जरूरत है. जिस गति से राजस्थान में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. इसे हरियाली और पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न उपायों से ही कम किया जा सकता है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने अब प्रदूषण के स्तर की पल-पल की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है. पिछले 4 साल में प्रदेश के कई शहरों और खासतौर पर औद्योगिक इलाकों में प्रदूषण को मापने के लिए विशेष संयंत्र लगाए हैं. 

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कन्टीन्यूअस एम्बीएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम यानी CAAQMS के जरिए अब प्रदूषण के स्तर की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है. ऐसे 46 CAAQMS पूरे प्रदेश में लिए हुए हैं. जिनमें 15 नए सीएएक्यूएमएस लगाने की भी तैयारी चल रही है. खास बात यह है कि इन सीएएक्यूएमएस से संबंधित इलाके में सभी प्रमुख प्रदूषण मानकों की जांच की जा सकती है.

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट पर 4 साल में कितना बढ़ा प्रदूषण 

जनवरी 2020 में 3 दिन 100 से कम 21 दिन 100 से 200 एक्यूआई रहा. जनवरी 2020 में 2 दिन 200 से अधिक रहा, 2 जनवरी को सर्वाधिक 233 एक्यूआई जबकि 4 साल बाद जनवरी 2024 में 5 दिन 100 से 200 के बीच एक्यूआई रहा. जनवरी 2024 में 23 दिन 200 से अधिक रहा. 11 जनवरी को सर्वाधिक 292 यानी 4 साल के अंदर 200 से अधिक AQI वाले दिन 2 से बढ़कर 23 हो गए. 200 से अधिक एक्यूआई प्रदूषण वैज्ञानिकों की नजर में खतरनाक माना जाता है.

फरवरी 2020 में 24 दिन 100 से 200 के बीच एक्यूआई रहा. 3 दिन 200 से अधिक, 13 फरवरी को अधिकतम 223 रहा. जबकि फरवरी 2024 में 3 दिन 100 से कम, 23 दिन 100 से 200 के बीच रहा. फरवरी 2024 में 1 दिन 200 से अधिक रहा, 12 फरवरी को सर्वाधिक 262 रहा. यानी 4 साल में सर्वाधिक एक्यूआई 223 से बढ़कर 262 तक जा पहुंचा. मार्च 2020 में 16 दिन 100 से कम एक्यूआई रहा. 11 दिन 100 से 200 के बीच, 1 दिन 200 से अधिक, 14 मार्च को 217 रहा. जबकि मार्च 2024 में 7 दिन 100 से कम, 24 दिन 100 से 200 के बीच रहा. 23 मार्च को अधिकतम 154 एक्यूआई मापा गया. यानी 100 से 200 के बीच एक्यूआई वाले दिन 11 से बढ़कर 24 हो गए.

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जयपुर शहर के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों की बात करें तो वहां भी हालात बहुत बेहतर नहीं है. प्रदेश के जोधपुर, कोटा, अलवर आदि शहरों को प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने एक अलग श्रेणी में शामिल किया है. इन शहरों के प्रदूषण मानकों की नियमित मॉनिटरिंग की जाती है. लेकिन इन शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से भी अधिक पहुंच रहा है. पर्यावरण मानकों के मुताबिक 300 से अधिक एक्यूआई होने पर वायु की गुणवत्ता बहुत कमजोर मानी जाती है.

राज्य के प्रमुख शहरों में क्या है स्थिति 

जनवरी 2020 में जोधपुर कलेक्ट्रेट पर 3 जनवरी को सर्वाधिक एक्यूआई 279, जनवरी 2024 में 17 जनवरी को जोधपुर में सर्वाधिक एक्यूआई 316 पहुंचा. श्रीनाथपुरम कोटा में 2 जनवरी 2020 को सर्वाधिक एक्यूआई 205, कोटा में 23 जनवरी 2024 को सर्वाधिक एक्यूआई 298 जा पहुंचा. जनवरी 2020 में अलवर में 1 जनवरी को सर्वाधिक एक्यूआई 114 रहा. 

जनवरी 2024 में अलवर में 14 जनवरी को सर्वाधिक एक्यूआई 207 पहुंचा. जनवरी 2024 में भिवाड़ी में 6 दिन प्रदूषण का स्तर 300 से अधिक रहा यानी बहुत कमजोर स्तर रहा. मई 2024 में भिवाड़ी में 2 दिन प्रदूषण का स्तर 300 से अधिक रहा. जयपुर के सीतापुरा में जनवरी 2024 में 9 दिन प्रदूषण का स्तर 300 से अधिक रहा. वैज्ञानिकों का मानना है कि सरकारी विभाग पर्यावरण प्रदूषण से बचाव के लिए चाहे जितने प्रयास करें, यह तब तक सफल नहीं होंगे, जब तक कि आम व्यक्ति जागरुक होकर अपने स्तर पर प्रदूषण कम करने के लिए उपाय नहीं करते.

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प्रदूषण नियंत्रण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल अब प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण को लेकर भविष्यवाणी भी करेगा. जिस तरह मौसम विभाग लू, ताप, बारिश या आंधी-तूफान की चेतावनी जारी करता है. पर्यावरण विभाग भी डाटा को एनालिसिस कर आगामी दिनों में रह सकने वाले प्रदूषण का फोरकास्ट जारी करेगा. यह फोरकास्ट अगले 3 दिन के लिए जारी किया जाएगा. इससे प्रदूषण को लेकर एलर्जी से परेशान लोग संबंधित क्षेत्र में जाने से अपना बचाव कर सकते हैं.

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