Rajasthan Politics: राजस्थान बीजेपी और कांग्रेस के दो दिग्गजों की लड़ाई इन दिनों प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. बता दें कि गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेट फार्म X पर भिड़ने के बाद फिर से एक दूसरे पर पलटवार किया है.जानें क्या है ये पॉलिटिकल वॉर?
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Rajasthan Politics: पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा और राजेंद्र राठौड़ के बीच सोशल मीडिया पर कोल्ड वॉर जारी है.आज फिर दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया X पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए. शायराना अंदाज में दोनों का एक दूसरे पर हमला और टिप्पणी की. आखिर कब तक जारी रहेगा ? दोनों का यह कोल्ड वॉर प्रदेश के सियासी हलकों में चर्चा का जोरदा चर्चा का विषय बना हुआ है. दो दिग्गजों के बीच सार्वजनिक रूप से इस तरह की अदावत से राजनेताओं के बीच आपसी सौहार्द और मर्यादा तार तार हो रही है.
ये Hit & Run Politics छोड़िये, अब विपक्ष में नहीं सरकार में हो आप।
हाथ पर हाथ रखकर क्यों बैठे हो बेरंग,
अगर है दम, तो करके दिखाओ RPSC भंग,
चाहे मर्जी जो लो एक्शन,पर बंद करो ये झूठा मिशन।किसानों के बच्चों पर ही छाती क्यों पिटते हैं स्वयंभू CM ! दबाने का दौर बीत चुका है, हमारे… https://t.co/C4uRBqz0hn
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) February 1, 2024
कौन कहां जाएगा और कौन कहां आएगा, ये वक्त का पहिया बताएगा
आपके बयानों के ओछेपन की मीनार में आगरा वाला अनुभव ख़ूब झलक रहा है, बात करते हैं विनम्रता की!!
होती है जिनमें अदब और शिष्टता,
वो दिखाते नहीं हीनता और निकृष्टता।
राजनैतिक रूप से ज़िंदा होने की सीढ़ी कोई और ढूंढिए। राम राम
तुम्हारी और मेरी राहें अलग-अलग तो होनी ही है क्योंकि तुम जहां को जा रहे हो मैं वहीं से आ रहा हूं।
4 बार की जीत से ही अगर आपने स्वाभिमान और अहंकार के अंतर को भुला दिया, कहीं एक बार और जीत आए तो मोदी जी के बनाए सिक्स लेन हाइवे से आगरा ले जाना पड़ेगा।
मुझे भी गर्व है कि आपसे… https://t.co/Sf03v7g3Cc
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) February 1, 2024
तुम्हारी और मेरी राहें अलग-अलग तो होनी ही है क्योंकि तुम जहां को जा रहे हो मैं वहीं से आ रहा हूं।
4 बार की जीत से ही अगर आपने स्वाभिमान और अहंकार के अंतर को भुला दिया, कहीं एक बार और जीत आए तो मोदी जी के बनाए सिक्स लेन हाइवे से आगरा ले जाना पड़ेगा।
मुझे भी गर्व है कि आपसे दोगुनी बार जीतने के बाद भी विनम्रता अभी जीवंत है क्योंकि यह भाजपा है, छल प्रपंच का अखाड़ा नहीं। जरा होश की बात करो, अब यहां नाथी का बाड़ा नहीं।
जो करा है, वो ही सर्टिफ़िकेट में भरा है,
"मेहनत" से 4-4 अभ्यर्थियों के एक जैसे अंक लाने से पहले सोचना था कि नम्बर तो थोड़े कम ज़्यादा कर लेते...
नहीं सोचा, चूक हुई , इसीलिए सर्टिफ़िकेट दिया गया है। इसका भी दोष दूसरों पर ?
बच्चे सभी के पढ़ेंगे और कामयाब भी होंगे
"बशर्ते" पिछले दरवाज़े से पास होने वाले "फॉर्मूला" बाज़ों से बच सके
"बशर्ते" किसी ख़ुदगर्ज़ के "कलाम" उनकी राह के रोड़े ना बने।
राजस्थान की राजनीतिक के दो दिग्गजों के बीच एक दूसरे पर जुबानी हमले के साथ ही सोशल मीडिया पर जारी कोल्ड वॉर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कल दोनों ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला था. शाम को पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ एक बार फिर ट्टवीट डोटासरा के ट्वीट का जवाब दिया. इसके बाद डोटासरा ने फिर राठौड़ पर हमला किया तो राठौड़ ने आज फिर टिप्पणी कर जवाबी हमला बोला.
दोनों नेता न केवल ट्वीटर पर बल्कि विधानसभा चुनाव से पहले भी सार्वजनिक मंचों पर भी एक दूसरे के खिलाफ टिप्पणियां कर चुके हैं. राजस्थान में राजनीतिक परम्परा रही है कि दोनों ही दलों के नेताओं के बीच भले ही गहरे वैचारिक मतभेद रहे हों,लेकिन इस तरह सार्वजनिक और सोशल मीडिया मंचों पर एक दूसरे पर हमले नहीं किए. डोटासरा और राठौड़ ने राजनीतिक परम्परा से हटकर आरोप-प्रत्यारोपों में अपनी सारी मर्यादाएं ताक पर रख दी.
दोनों ही नेताओं ने आरोप प्रत्यारोप में एक दूसरे पर टिप्पणी के साथ ही खुद के काम धंधों,परिवार सहित अन्य व्यक्तिगत हमले भी करने शुरू कर दिए हैं. हालांकि टिप्पणियों में राठौड़ और डोटासरा अदब,शिष्टता,विनम्रता सहित अन्य सभ्य शब्दों का इस्तेमाल जरूर कर रहे हैं,लेकिन केवल तंज के रूप में. इधर अब दोनों ही दिग्गजों के बीच सोशल मीडिया पर शुरू हुआ कोल्ड वॉर अब कहां जाकर रूकेगा,यह कोई नहीं जानता है.
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