Sachin Pilot : सियासी पेंच के बीच 'असली पेंच' लड़ाने पहुंचे सचिन पायलट, जाने पूरा माजरा
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Sachin Pilot : सियासी पेंच के बीच 'असली पेंच' लड़ाने पहुंचे सचिन पायलट, जाने पूरा माजरा

Rajasthan Politics : राजस्थान की सियासत में पिछले काफी वक्त से जमकर सियासी पेंच लड़ाई जा रहे हैं. इसी बीच सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) ने भी पतंग की डोर थाम ली और दांव पेंच भी लड़ाए.

Sachin Pilot : सियासी पेंच के बीच 'असली पेंच' लड़ाने पहुंचे सचिन पायलट, जाने पूरा माजरा

Rajasthan Politics : राजस्थान की सियासत का यूं कहे राजस्थान कांग्रेस की सियासत में पिछले काफी वक्त से जमकर सियासी पेंच लड़ाई जा रहे हैं. एक दूसरे की सियासी डोर काटने और 'मौके' की पतंग लपकने की जोरआजमाइश जारी है. अब चुनावी साल है तो सियासी तौर पर भी मांझे को धार दी जाएगी. लेकिन इन सबके इतर पतंगबाजी का त्यौहार मकर संक्रांति आ गया है. लिहाजा ऐसे में सियासत से दूर असल पतंगबाजी भी शुरू हो गई है. 

दरअसल मकर संक्रांति से पहले सूबे के पूर्व डिप्टी सचिन पायलट ( Sachin Pilot ) भी पतंगबाजी के उत्सव में लबरेज नजर आए. मौका था राजीव गांधी विशेष योग्यजन संस्थान एवं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी निःशक्तजन प्रकोष्ठ की ओर से रामनिवास बाग में आयोजित पतंगोत्सव का. जहां सचिन पायलट भी पहुंचे. पायलट ने भी पतंग की डोर थाम ली और दांव पेंच भी लड़ाए. जिसके बाद उन्होंने इसकी डोर एक योग्यजन को थमा दी. वहां मौजूद लोग भी उत्साहित नजर आए. इस दौरान निःशक्तजन प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण सैनी जी मौजूद रहें.

गौरतलब है चुनावी साल के आगाज के साथ ही कांग्रेस भी चुनावी मोड में आने की तैयारी में है. राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेसी कार्यकर्त्ता भी उत्साहित नजर आ रहे हैं, नए प्रभारी ने होमवर्क भी शुरू कर दिया है. ऐसे में कांग्रेस के दोनों धड़ों की ओर से भी सीजफायर है. वहीं सचिन पायलट ने भी चुप्पी साधी हुई है. ऐसे में आगामी दिनों में राजस्थान कांग्रेस से निकल कर आने वाली तस्वीरें भी दिलचस्प रहने वाली है. 

वहीं लम्बे वक्त से लंबित चल रही मांगे भी पूरी करने की कवायद जारी है. पिछले दिनों दो अलग अलग लिस्ट जारी कर 188 ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की जा चुकी है. आगामी दिनों में बाकि बची 212 ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति भी पूरी की जाने की उम्मीद है. वहीं पायलट गुट की मांगों पर भी जल्द फैसला लिया जा सकता है. ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तिों में पायलट गुट को भी बराबर की तरजीह दी गई है. ऐसे में अब राज्य के बजट बाद चुनाव की तैयारी शुरू हो सकती है.  

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