जगतपुरा आरटीओ कर्मचारी बोलता है कि बिना एजेंट के काम नहीं होगा.
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Jaipur: सरकार की ओर से आम जनता को राहत प्रदान करने के लिए ऑनलाइन लाईसेंस प्रक्रिया (Online licensing process) शुरू की थी लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ही ऑनलाइन प्रक्रिया के जगह एजेंट प्रक्रिया को जायज ठहराने पर तुले हुए है.
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राजस्थान गहलोत (CM Ashok Gehlot) सरकार ने लाईसेंस प्रक्रिया को ऑनलाइन तो कर दिया है लेकिन अब जब कोई आम आदमी लाईसेंस बनाने के लिए जगतपुरा आरटीओ कार्यालय पहुंचता है तो उसे परिवहन विभाग के कार्मिक एजेंट के पास भेजने की सलाह दे रहे है.
ऐसे ही मामले जयपुर (Jaipur News) के जगतपुरा आरटीओ कार्यालय पर लाईसेंस बनाने पहुंच रहे लोगों के साथ देखा जा गया. लाईसेंस बनाने गए व्यक्ति ने बताया कि जब मैंने झालाना से हैवी लाईंसेंस की पूरी प्रक्रिया कर जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में फाइल जमा करा दी और मुझे 8 तारीख को ट्रायल के लिए बुलाया गया. वहीं, जब ट्रायल देने पहुंचा तो मुझे पूछा गया आपका एजेंट कौन है? मैंने कहा मैंने कोई एजेंट नहीं किया और मैंने खुद ने ही फाइल तैयार कर जमा करवाई है.
जगतपुरा आरटीओ कर्मचारी बोलता है कि बिना एजेंट के काम नहीं होगा. मैं फाइल को आगे भिजवा दूंगा तो अधिकारी फाइल को कैंसिल कर देगा. आरटीओ के अधिकारी-कर्मचारी ही एजेंटों के चंगुल में फंसाना चाह रहे हैं, जिससे व्यक्ति मोटर लाईसेंस बनाने के दौरान कमीशनखोरी का शिकार हो रहा है.
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आरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार (Corruption) की जडे़ खुद अधिकारी-कर्मचारी बने हुए है और खुद एजेंट कह रहे कि अंदर अधिकारी-कर्मचारियों को रुपये पहुंचते हैं. बिना ट्रायल के आपका लाईसेंस बनकर तैयार हो जाएगा. सिर्फ आपको गाड़ी में बैठकर फोटो खिंचवानी होती है बाकि सब काम हम कर देंगे.
बिना एजेंट जाने पर ट्रायल में फेल कर दिया जाता है, जो व्यक्ति एजेंट के माध्यम से जाते है तो गाड़ी लाइन से बाहर आने के बाद भी पास कर देते है. वहीं, जो आनलाइन की ट्रायल की प्रक्रिया में भी बिना एजेंट पास नहीं हो सकते, जहां राज्य सरकार सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रयासरत है तो वहीं परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बिना ट्रायल के लाईसेंस बनाकर सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ाने का काम कर रहे हैं.