गृहस्थी संभालने वाले हाथ मनचलों को सिखाएंगे सबक, सुरक्षा सखियों को सिखाए गए आत्मरक्षा के गुर
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गृहस्थी संभालने वाले हाथ मनचलों को सिखाएंगे सबक, सुरक्षा सखियों को सिखाए गए आत्मरक्षा के गुर

 सुरक्षा सखियों के रूप में चयनित बगरू थाना क्षेत्र की करीब 20 महिलाओं को निर्भया स्क्वायड की मास्टर ट्रैनर बिमला और लाडा कुमारी ने प्रतिदिन 1 घंटा चले प्रशिक्षण शिविर में आत्मरक्षा के कई गुर सिखाए.

गृहस्थी संभालने वाले हाथ मनचलों को सिखाएंगे सबक, सुरक्षा सखियों को सिखाए गए आत्मरक्षा के गुर

Bagru: घर गृहस्थी संभालने वाले हाथ अब सुनसान इलाकों में या राह चलती महिलाओं और युवतियों से छेड़छाड़ करने वाले मनचलों को सबक भी सिखाएंगे. निर्भया स्क्वायड की नोडल अधिकारी एडीसीपी सुनीता मीणा के निर्देशानुसार बगरू पुलिस थाने में थानाधिकारी विक्रम सिंह चारण के सुपरविजन ने सुरक्षा सखियों का 5 दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ.

 सुरक्षा सखियों के रूप में चयनित बगरू थाना क्षेत्र की करीब 20 महिलाओं को निर्भया स्क्वायड की मास्टर ट्रैनर बिमला और लाडा कुमारी ने प्रतिदिन 1 घंटा चले प्रशिक्षण शिविर में आत्मरक्षा के कई गुर सिखाए. प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को बताया गया कि अगर सुनसान जगह पर कोई मनचला व्यक्ति आपके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ करता है या बलपूर्वक शारीरिक रूप से कोई नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है तो किस प्रकार से वे स्वयं की अथवा किसी अन्य महिला की ऐसे असामाजिक तत्वों से रक्षा कर सकती है.

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प्रशिक्षण के दौरान मार्शल आर्ट्स, पंचिंग स्टाइल, हैंग मूवमेंट सहित कई आत्मरक्षा के कई गुर सिखाए. प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षित महिलाएं अब अपने क्षेत्र की युवतियों और घरेलू और कामकाजी महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सीखने के लिए प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करवाएंगी.

आत्मरक्षा के गुर सीखकर बढ़ा आत्मविश्वास

आत्मरक्षा के गुर सीखने के बाद चूल्हा - चौका संभालने वाली इन महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ नजर आया. अपनी नई जिम्मेदारी को लेकर सभी काफी उत्साहित दिखी. सुरक्षा सखियों ने कहा कि वे घर की दहलीज से बाहर निकलकर समाज में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की अपनी इस नई भूमिका को लेकर वे काफी खुशी और गौरव महसूस कर रही हैं. वे अपने आपको भाग्यशाली समझती हैं कि उन्हे समाज में महिलाओं के लिए कुछ अच्छा करने की जिम्मेदारी मिली है.

क्या है सुरक्षा सखी योजना 

बगरू थानाधिकारी विक्रम सिंह चारण ने बताया कि कई बार अपराध या अनैतिक गतिविधियों का शिकार होने के वाबजूद कई महिलाएं खुलकर पुलिस के सामने अपनी पीड़ा जाहिर करने में असहज महसूस करती हैं. कुछ महिलाएं तो पुलिस थाने तक आने में ही संकोच करती हैं. सुरक्षा सखी योजना ऐसी ही महिलाओं को न्याय दिलाने की एक पहल है. सुरक्षा सखियों को सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यही निभानी है कि वे डरी सहमी महिलाओं से बात करें और उनका आत्मविश्वास बढ़ाकर अपने साथ हुई किसी भी प्रकार की अपराधिक घटना की जानकारी नि:संकोच पुलिस को बताने के लिए प्रेरित करें ताकि पुलिस की ओर से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके.

Report-Amit Yadav

 

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