राज्य सरकार करेगी राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी की स्थापना, मिलेगा रोजगार की ट्रेनिंग का अवसर
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राज्य सरकार करेगी राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी की स्थापना, मिलेगा रोजगार की ट्रेनिंग का अवसर

जयपुर में करीब 200 करोड़ की लागत से राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित IT के लेटेस्ट कोर्स होंगे. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: युवाओं को रोजगार (employment) की ट्रेनिंग के अवसर देने के लिए राज्य सरकार (State Government) राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी (Rajiv Gandhi Center of Advanced Technology) की स्थापना करने जा रही हैं. जिसमें ग्रेजुएट्स को एआई-रोबोटिक्स (AI-robotics) की ट्रेनिंग दी जाएगी. 

जयपुर (Jaipur News) में करीब 200 करोड़ की लागत से राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित IT के लेटेस्ट कोर्स होंगे. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Information and Technology) ने इस पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया हैं.

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प्रदेश के युवा टेक्नोलॉजी में आगे बढे़. इसके लिए अलग-अलग स्तर पर आईटी क्षेत्र (IT Sector) में काम किया जा रहा हैं. स्टार्टअप (Startup) से लेकर रोबोटिक्स ट्रेनिंग (Robotics training) देने पर सरकार का फोकस हैं. राज्य सरकार जयपुर में जनवरी से राजीव गांधी सेंटर ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी (आरकैट) की शुरुआत करने जा रही है. ग्रेजुएट्स को नए रोजगार के अवसर और नई टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग दिलाने के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ की लागत से इसे तैयार करने की घोषणा की थी. 

एसएमएस हॉस्पिटल (SMS Hospital) के पास सूचना केंद्र में शुरू होने वाले इस सेंटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) से लेकर लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के कोर्स कर सकेंगे. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने टेंडर भी निकाल दिया है. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के कमिश्नर संदेश नायक ने बताया की युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. ट्रेनिंग के लिए अमेरिका के ओरेकल, आईबीएम सहित दसॉल्ट जैसे विदेशी संस्थानों को जोडने का प्रयास है.

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सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के कमिश्नर संदेश नायक (Sandesh Nayak) ने बताया की एक से छह माह तक के कोर्स होंगे, जिसमें 50-50 का बैच होगा. इसमें बीई, एमसीए, एमबीए, ग्रेजुएट्स को सर्टिफिकेट ट्रेनिंग कोर्स का मौका मिलेगा. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, वर्चुअल रियलिटी, बिग डाटा एनालिटिक्स, क्लिनिकल डाटा एनालिसिस, रोबोटिक्स और क्वांटम कम्प्यूटिंग जैसे कोर्स होंगे. परीक्षा पैटर्न ऑनलाइन भी होगा. अन्य संस्थानों में इन कोर्सेज की फीस 30 हजार से लेकर 3 लाख तक होती है. यहां सरकार सब्सिडी देगी.

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बहरहाल, 21वीं सदी की शुरुआत सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) में तेज बढ़ोतरी से हुई. कम्प्यूटिंग की क्षमता में लगातार बढ़ोतरी और ज़्यादा सुनिश्चित करेगी कि नई और बेहतर तकनीक मानव इतिहास के किसी दूसरे समय के मुकाबले इस वक्त और ज़्यादा तेज़ी से उभरेगी.

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