Success Story: जिस उम्र में युवा सोशल मीडिया पर रील्स देखते हैं, इंफ्लुएंसर बनने की कोशिश करते है. दोस्ती-यारी में व्यस्त रहते है. उस उम्र में इन चीजों से दूरी बनाकर नेहा ब्याडवाल यंग आईएएस अफसर बन गईं है. जयपुर की रहने वाली नेहा सरकारी अफसर बनने की कहानी काफी दिलचस्प है. तो आइए जानते है आईएएस नेहा ब्याडवाल की संघर्ष की कहानी.
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Neha Byadwal IAS Success Story: UPSC सिविल सर्विस परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इसका अंदाजा लगया जा सकता है की इस परीक्षा को पास करने के लिए ना कोई सोर्स काम आता हैं, न नकल काम के तरीके सिर्फ और सिर्फ तैयारी और ईमानदारी से पास किया जा सकता है. शायद यही वजह है की सबसे ज्यादा कहानियां यूपीएससी एस्पिरेंट की ही निकलकर आती हैं. तो आइए जानते है नेहा ब्याडवाल के संघर्ष की दास्तां.
राजस्थान की गुलाबी शहर जयपुर जिले की जमवारामगढ़ तहसील की रहने वाली हैं. उनके पिता प्रह्लाद ब्याडवाल PHED में सीनियर अकाउंटेट डिविजनल आफिसर हैं और मां रजनी देवी हाउसवाइफ हैं. नेहा की बड़ी बहन निशा Indian Engineering Service(इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस) यानी भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में अफसर हैं. नेहा अपनी बहन से प्रेरित होकर ही सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू की थी.
नेहा 12वीं बोर्ड परीक्षा पास करते ही जेईई (JEE Exam) परीक्षा क्रैक कर ली थी. जिसके बाद आईआईटी कानपुर( IIT Kanpur) से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. नेहा दीन-रात पढ़ई किया करती थी, उनकी की ये कड़ी मेहनत के बाद भी वह सिविल सर्विस परीक्षा के पहले अटेंप्ट में असफल हो गई. जिसके बाद अपनी पढ़ाई स्ट्रैटेजी बदल दी और फिर से तैयारी में लग गई.
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नेहा परीक्षा पास करने के लिए कई चीजों का त्याग कर दी, उन्होंने 3 चीजों से तो बिलकुल ही दूरी बना ली तीन सालों तक नेहा ने सोशल मीडिया, पार्टी-फंक्शन और दोस्त-रिश्तेदारों से दूर रहीं. उनका ये त्याग काम आया और एक दीन 2020 में 260वीं रैंक के साथ वह आईएएस अफसर बन गईं, नेहा 2021 बैच की अफसर हैं.
तीन साल के बाद नेहा अपनी यूपीएससी मार्कशीट के साथ सोशल मीडिया (Neha Byadwal social media) साइट इंस्टाग्राम पर वापसी की, आपको बाता दें की नेहा ने निबंध में 128 मार्क्स हासिल किए थे, लिखित परीक्षा में उनके टोटल मार्क्स 809 थे और पर्सनालिटी टेस्ट में 151 मार्क्स स्कोर किए थे. उनका फाइनल टोटल 960 था.