पिछले दो साल कोरोना के चलते सैलानियों का आना कम रहा और इन दिनों अलवर के सरिस्का में बाहरी राज्यों से पर्यटक नए साल का जश्न मनाने आ रहे हैं.
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Alwar: नए साल 2022 के स्वागत और 2021 को विदाई देने के लिए लोग 31 दिसंबर को सेलिब्रेट के लिए राजस्थान का रुख कर रहे हैं. देश में फैल रहे ओमिक्रोन को देखते हुए कई राज्यों ने नाईट कर्फ्यू लगा दिए. जिसके चलते नए साल के आयोजन में भी बैन हो गए. इसके चलते पर्यटकों का रुझान अलवर में देखने को मिल रहा. अभी से ही सरिस्का और आसपास के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.
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अलवर के सरिस्का वन अभयारण्य की पहचान विश्व पटल पर है. पिछले दो साल कोरोना के चलते सैलानियों का आना कम रहा. इन दिनों अलवर के सरिस्का में बाहरी राज्यों से पर्यटक नए साल का जश्न मनाने आ रहे हैं. यू तो क्रिसमस से ही सैलानियों की भीड़ देखी जा रही है. यहां के अन्य टूरिस्ट पैलेस की अगर बात करें तो अलवर का बाला किला हो या सागर की छतरियां, लेक पैलेस सिलीसेढ़ झील हो या पांडुपोल का हनुमान मंदिर इसके साथ ही अजबगढ़ भानगढ़ में भी हजारों की संख्या में पर्यटक आ रहे हैं.
इन दिनों अलवर में अन्य राज्यों से पर्यटक ज्यादा आ रहे हैं. इसका कारण हरियाणा, दिल्ली सहित कई राज्यों में ओमिक्रोन के बढ़ने से नाईट कर्फ्यू और अन्य पाबंदियां लगाते हुए साल के जश्न पर भी पाबंदी लगा देने से पर्यटकों का अलवर की तरफ रुझान बढ़ा है.
नए साल के मौके पर सरिस्का और सिलीसेढ़ में पर्यटकों के आने से रौनक परवान पर है. सरिस्का में सुबह और शाम को 50-50 पर्यटकों को जिप्सी, सफारी सहित केंद्र के 15-15 वाहनों से प्रवेश दिया जा रहा है. प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा सैलानी वन राज के दर्शन करने आ रहे हैं. नए साल के लिए सफारी की एडवांस बुकिंग हो चुकी है. डीएफओ सुदर्शन शर्मा और सीसीएफआरएन मीणा लगातार कोविड गाइडलाइंस की पालना पर भी निगरानी बनाए हुए हैं.
वहीं जिला कलेक्टर नंनुमल पहाड़िया ने भी सभी पर्यटकों से अपील की है कि कोरोना गाइड लाइन का पालना करें साथ ही सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइंस जारी कर दी गयी है उसकी भी अनुपालन होनी चाहिए.
Reporter: Jugal Gandhi