सरकारी स्कूलों में यूनिफार्म बदलने पर वासुदेव देवनानी का हमला, कहा- कांग्रेस की अक्ल का निकल गया दिवाला
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सरकारी स्कूलों में यूनिफार्म बदलने पर वासुदेव देवनानी का हमला, कहा- कांग्रेस की अक्ल का निकल गया दिवाला

राज्य सरकार (State Government) ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए स्कूल ड्रेस का रंग बदलने का फैसला किया है. 

वासुदेव देवनानी

Jaipur: राज्य सरकार (State Government) ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए स्कूल ड्रेस का रंग बदलने का फैसला किया है. फैसले के बाद बीजेपी विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने सरकार की सोच पर सवाल उठाए हैं. देवनानी ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस सरकार की अक्ल का दिवालिया निकल गया जो कोरोना काल में परेशान परिजनों पर स्कूल ड्रेस का बोझ डाला जा रहा है. देवनानी ने इस मामले में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला (dr bd kalla) से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग भी की.

राजस्थान में एक बार फिर से स्कूली बच्चों की यूनिफॉर्म का रंग बदलने जा रहा है. अभी तक क्रीम कलर की शर्ट और गहरे भूरे रंग की पेंट की जो यूनिफॉर्म थी, उसे बदलकर सरकार ने नीले रंग की पेंट और हल्के भूरे रंग की शर्ट यूनिफॉर्म में शामिल करने का फैसला ले लिया है. सरकार के इस फैसले के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री और बीजेपी के विधायक वासुदेव देवनानी मुखर हो गए हैं. देवनानी ने कहा कि यह सरकार का तुगलकी फरमान है. देवनानी ने कहा कि इस फैसले से लगता है कि कांग्रेस नेताओं की अकल का दिवालिया निकल गया है. उन्होंने कांग्रेस पर हल्की मानसिकता के आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है, जैसे मौजूदा सरकार पूर्वर्ती बीजेपी सरकार के सभी फैसलों को पलट देगी.

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देवनानी के खुद शिक्षा मंत्री रहते हुए भी सरकारी स्कूलों में यूनिफार्म बदली गई थी, लेकिन इस पर उनका तर्क है कि पिछली बार जब यूनिफॉर्म बदली गई तो वह बदलाव 20 साल के लंबे अंतराल के बाद हुआ था. देवनानी ने कहा कि वह फैसला भी पेरेंट्स और स्टूडेंट के आग्रह पर लिया गया था। पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में कई परिजन आर्थिक दृष्टि से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, ऐसे में 98 लाख परिजनों पर गैरजरूरी आर्थिक बोझ डालने से पहले सरकार को सोचना चाहिए था। देवनानी ने सरकार के नए शिक्षा मंत्री बीडी कला से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग भी की है.

आपको बता दें कि पूर्वर्ती बीजेपी सरकार के समय जब स्कूल यूनिफॉर्म का रंग बदला गया था, तब भी कांग्रेस ने इस पर ऐतराज जताया था। तब कांग्रेस का कहना था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गणवेश की तरह स्कूली विद्यार्थियों की पेंट की भूरे रंग की, की जा रही है. लेकिन तत्कालीन सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया था. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस की सरकार ने मौजूदा बदलाव उसी भावना को ध्यान में रखकर किया है कि स्कूली विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म का रंग आरएसएस के गणवेश से थोड़ा अलग दिखे.

उधर सरकारी स्कूलों में यूनिफार्म बदलने को लेकर पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने ट्वीट करते हुए भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है। बच्चियां स्कूलों में भी सुरक्षित नहीं है और सरकार केवल यूनिफॉर्म बदलने में ही ध्यान लगा रही है.

देवनानी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि राज्य सरकार ने महामारी के दौर में 98 लाख अभिभावको पर स्कूल ड्रेस बदलने का आर्थिकभार डालने की घोषणा कर डाली।प्रदेश के विद्यार्थियों व शिक्षकों से चर्चा कर 4 वर्ष पूर्व की एक नये स्वरूप व गौरवान्वित अनुभव वाली स्कूल ड्रेस को सिर्फ़ अपने आलाकमान को ख़ुश करने के लिये बदलना शर्मनाक है. कांग्रेस सरकार के विगत 3 वर्षों में प्रदेश के राजकीय स्कूलो में शैक्षणिक स्तर लगातार गिरता जा रहा है. विद्यालयों के परीक्षा परिणाम गिर रहे हैं. हर वर्ष बढ़ने वाला नामांकन अब कांग्रेस सरकार में लगातार गिर रहा है विद्यालयों में हो रहे सुधारो पर एक प्रकार से अघोषित आपातकाल लगा है.

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प्रदेश सरकार में जंगलराज हैं, अपराधियों का बोलबाला हैं. राजकीय विद्यालयों में प्रतिदिन बालिकाओं के साथ गम्भीर अपराध हो रहे हैं- शिक्षा का स्तर प्रतिदिन गिरता जा रहा हैं परंतु सरकार का ध्यान दुर्भावनापूर्ण रूप से सिर्फ साइकल के कलर, ड्रेस के कलर एव पाठ्यक्रम परिवर्तन की और हैं.

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