क्या कांग्रेस ही अब हार्दिक पटेल को पार्टी से बाहर कर देगी ? Congress छोड़ Bjp या AAP में से किसे ज्वाइन करेंगे
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क्या कांग्रेस ही अब हार्दिक पटेल को पार्टी से बाहर कर देगी ? Congress छोड़ Bjp या AAP में से किसे ज्वाइन करेंगे

कांग्रेस ने राजस्थान के उदयपुर में तीन दिन तक नव संकल्प चिंतन शिविर किया और उदयपुर डिक्लेरेशन ( Udaipur declaration ) के जरिए भारत जोड़ो अभियान का आगाज किया है. इस चिंतन शिविर में देशभर से Congress के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी जरुर शामिल हुए. लेकिन गुजरात से पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इसमें शामिल नहीं हुए. Hardik Patel ने चिंतन शिविर से दूरी बनाए रखी

क्या कांग्रेस ही अब हार्दिक पटेल को पार्टी से बाहर कर देगी ? Congress छोड़ Bjp या AAP में से किसे ज्वाइन करेंगे

कांग्रेस ने राजस्थान के उदयपुर में तीन दिन तक नव संकल्प चिंतन शिविर किया और उदयपुर डिक्लेरेशन ( Udaipur declaration ) के जरिए भारत जोड़ो अभियान का आगाज किया है. इस चिंतन शिविर में देशभर से Congress के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी जरुर शामिल हुए. लेकिन गुजरात से पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इसमें शामिल नहीं हुए. Hardik Patel ने चिंतन शिविर से दूरी बनाए रखी.

रविवार को चिंतन शिविर खत्म हुआ. और इसी दिन गुजरात में पाटीदार नेताओं की एक बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में हार्दिक पटेल के अलावा सीनियर पाटीदार नेता नरेश पटेल के अलावा पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक अल्पेश कथीरिया और दिनेश बांभणिया भी शामिल हुए. लेकिन बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में भी इन नेताओं ने भविष्य को लेकर पत्ते नहीं खोले है. नरेश पटेल ने ये स्पष्ट नहीं किया है कि वो कांग्रेस में जाएंगे या नहीं. उन्हौने मीडिया से कहा कि अभी समाज के नेताओं के साथ एक और बड़ी बैठक करनी है, उसके बाद ही फैसला लेंगे. इधर जब हार्दिक पटेल से ये सवाल किया गया कि आप पार्टी के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष है लेकिन फिर भी आप पार्टी के चिंतन शिविर में नहीं गए. इस सवाल पर हार्दिक पटेल ने कहा कि जब तक हमारे मुद्दों का समाधान नहीं होता तब तक जाने से क्या फायदा. हार्दिक पटेल ने ये भी कहा कि हमनें पार्टी को दिया है, पार्टी से लिया कुछ नहीं है. 

ऐसे में सवाल ये उठता है कि चिंतन शिविर में हार्दिक पटेल के शामिल न होने के बाद भी क्या कांग्रेस आलाकमान हार्दिक को मनाने की कोशिश करेगा या अब हार्दिक पटेल के लिए कांग्रेस में दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए है ?  सवाल ये भी है कि क्या हार्दिक पटेल का राजनीतिक भविष्य बहुत हद तक नरेश पटेल के फैसले पर निर्भर करता है, और सवाल ये भी है कि पटेल आंदोलन से जुड़े ये सभी नेता क्या इस साल के आखिर में होने वाले चुनावों से पहले एक साथ ही किसी पार्टी को ज्वाइन करेंगे. क्योंकि रविवार को जिस तरह से चारों नेताओं ने बैठक की है. उससे यही लग रहा है कि फैसला जो भी होगा, संयुक्त रुप से होगा. 
और सबसे बड़ा सवाल ये भी है कि अगर हार्दिक पटेल कांग्रेस से अलग होते है और नरेश पटेल भी कांग्रेस में शामिल नहीं होते है, तो ये सभी पटेल नेता क्या बीजेपी का दामन थामेंगे या आम आदमी पार्टी इन नेताओं की पसंद बन सकती है ?

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