खेमेबाजी और सियासी संकट से जूझ रही Rajasthan Congress के लिए राहत भरा रहा साल 2021!
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खेमेबाजी और सियासी संकट से जूझ रही Rajasthan Congress के लिए राहत भरा रहा साल 2021!

PCC चीफ़ के तौर पर नई ज़िम्मेदारी संभालने के बाद से गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने सबसे बड़ा काम सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने का किया है.

सियासी संकट से जूझ रही प्रदेश कांग्रेस के लिए साल 2021 राहत और उपलब्धियों से भरा रहा.

Jaipur: साल 2020 में खेमेबाजी और सियासी संकट से जूझ रही प्रदेश कांग्रेस के लिए साल 2021 राहत और उपलब्धियों से भरा रहा. 

PCC चीफ़ के तौर पर नई ज़िम्मेदारी संभालने के बाद से गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने सबसे बड़ा काम सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने का किया है. यही वजह रही कि इस साल स्थानीय निकायों पंचायत चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा.

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जुलाई 2020 में सियासी संकट के दौरान सचिन पायलट (Sachin Pilot) को प्रदेश कांग्रेस (Congress) के अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने के साथ ही तमाम कार्यकारिणी, जिलाध्यक्षों और अग्रिम संगठनों के साथ-साथ प्रकोष्ठ-विभाग भंग कर दिए गए थे, जिसके चलते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को दिसंबर तक बिना कार्यकारिणी के ही काम करना पड़ा था. 

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उसके बाद नए साल की शुरुआत जनवरी में प्रदेश कांग्रेस को 39 सदस्य नई कार्यकारिणी मिली, जिसमें पार्टी के सभी खेमे के लोगों को शामिल करके एडजस्ट किया गया. इसके अलावा अक्टूबर माह में भी पार्टी को 13 जिलाध्यक्ष मिले. गोविंद सिंह डोटासरा की लीडरशिप में पार्टी नए सिरे से राजस्थान में संगठन को मज़बूत करने में क़ामयाब रही. साल 2021 में ही प्रदेश की 5 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुआ था, जिनमें से सहाड़ा, सुजानगढ़, वल्लभनगर और धरियावद में कांग्रेस पार्टी को शानदार जीत मिली. 

स्थानीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया 
खास बात यह रही कि वल्लभनगर और धरियावद में तो भाजपा के लिए जमानत पर बचाना मुश्किल हो गया था. वहीं साल 2020 में जहां कांग्रेस पार्टी 21 जिलों में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा से पिछड़ गई थी तो वहीं साल 2021 में हुए 12 में से 9 जिलों में कांग्रेस ने अपने जिला प्रमुख बनवाएं. पंचायतों में प्रधान के मामले में कांग्रेस पार्टी साल 2020 और 21 दोनों में भाजपा से आगे रही. साल 2021 कई जिलों में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन किया था. इससे पहले नवंबर 2020 में भी 6 जिलों में हुए नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस ने 4 नगर निगमों पर अपना कब्जा जमाया था. साल के अंत तक आते आते ही मंत्रिमंडल पुनर्गठन के चलते जब गोविंद सिंह डोटासरा को मंत्री पद छोड़ना पड़ा तो वह pcc चीफ़ के तौर पार अलग ही भूमिका अलग ही तेवर में नज़र आ रहे हैं.

डोटासरा को 12 दिसंबर को महारैली कराने का मिला टास्क 
प्रदेश कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी बात यह रही कि कांग्रेस की राष्ट्रव्यापी महारैली का नेतृत्व करने का मौका भी मिला. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को 12 दिसंबर को महारैली कराने का टास्क दिया गया था. लाखों की भीड़ एकत्रित कर प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी के शीर्ष नेताओं की भी वाहवाही लूटी. सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत पार्टी के तमाम शीर्ष नेता इस रैली में शरीक हुए और कई दिनों तक जयपुर से लेकर दिल्ली तक महारैली के सफल आयोजन को लेकर चर्चाओं का दौर चलता रहा.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के लिए नए साल में बड़ी चुनौती यही है कि जिलाध्यक्षों, 400 ब्लॉक अध्यक्षों, प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार कराया जाए और साथ ही साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं- नेताओं को किस प्रकार राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट किया जाए, जिससे कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी कम की जाए. वहीं जिन कार्यकर्ताओं और नेताओं का नंबर राजनीतिक नियुक्तियों में नहीं लगेगा उन्हें किस प्रकार से संतुष्ट किया जाएगा. साथ ही मिशन 2023 के लिए पार्टी को अपनी कमर कसनी होगी.

 

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