सावधान: झुंझुनूं सूरजगढ़ थाना इलाके में दो मामले सामने आए है, जहां पर साइबर ठगी हुई है. एक व्यक्ति से 25 लाख रूपए की लॉटरी के नाम पर ढाई लाख रूपए ठगे गए हैं
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Jhunjhunu: दिवाली को लेकर शॉपिंग का अपना ही अलग क्रेज है, लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग में सावधानी न बरतने वाले साइबर ठगों के शिकार भी हो रहे हैं. दिवाली के मौके को देखते हुए ठग गिरोह भी सक्रिय हो गए हैं. झुंझुनूं सूरजगढ़ थाना इलाके में दो मामले सामने आए है, जहां पर साइबर ठगी हुई है. एक व्यक्ति से 25 लाख रूपए की लॉटरी के नाम पर ढाई लाख रूपए ठगे गए हैं, तो दूसरे को 20 हजार रूपए में स्कूटी देने के नाम पर 20 हजार रूपए की ठगी कर दी गई है.
दोनों ही पीड़ितों ने थाने में अपनी ठगी की वारदात की लिखित शिकायतें दी है. पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक सूरजगढ़ मंडी में धींगड़िया निवासी सुदेश पुत्र कालूराम ने छोटी सी चाय पानी की दुकान कर रखी है. 15 अक्टूबर को उसके पास एक व्हाट्स एप कॉल आया कि उसके 25 लाख रूपए की लॉटरी निकली है, जिस पर सुदेश खुश हो गया. इसके बाद ठगों ने उससे टैक्स के नाम पर 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर के 10200, 25000, 95000 रूपए मंगवा लिए. यही नहीं 17 अक्टूबर को बैंक सिक्योरिटी के नाम पर भी 1.20 लाख रूपए मंगवा लिए.
साथ ही सुदेश लगातार ठगों के कहे मुताबिक खातों में पैसे डलवाता रहा, लेकिन 18 अक्टूबर को ठगों ने फिर से सुदेश को फोन किया और कहा कि 3 लाख 70 हजार रूपए और खाते में डलवाने पड़ेंगे. तभी उसे 25 लाख की लॉटरी की राशि दी जाएगी. सुदेश के पास इतने पैसे भी नहीं थे और वह ठगों की मंशा को भापा गया. उसने अपने अब तक दिए हुए पैसे वापिस लौटाने के लिए कहा, लेकिन ठगों ने वापिस देने से मना कर दिया और फिर फोन उठाना भी बंद कर दिया. सुदेश ने इसकी शिकायत थाने में की है.
पिता के ईलाज के लिए इकट्ठा किए थे पैसे
सुदेश ने बताया कि उसके पिता कालूराम बीमार है, जिनके ईलाज के लिए उसने पाई-पाई जोड़कर ढाई लाख रूपए जुटाए थे, लेकिन ठगों ने महज तीन दिन में उससे सारे के सारे पैसे ठग लिए.
ओएलएक्स पर सस्ती स्कूटी देख ललचाया मन, 20 हजार की ठगी हुई
इधर, सूरजगढ़ थाना इलाके के भावठड़ी की माड़ू की ढाणी निवासी दिनेश जाट ने भी थाने में अपने साथ ठगी की रिपोर्ट दी है. दिनेश के भाई डॉ. अजय पूनियां ने बताया कि 14 अक्टूबर को मोबाइल देखते वक्त उसके भाई दिनेश के सामने ओएलएक्स का एक एड आया, जिसमें छह हजार किलोमीटर चली हुई स्कूटी महज 20 हजार रूपए में मिल रही थी. उसने जब इस स्कूटी को खरीदने के लिए रिक्वेस्ट भेजी तो उसके पास व्हाट्स एप पर स्कूटी की तस्वीरें आई. दोनों के बीच इस स्कूटी का सौदा तय हो गया. दिनेश से पहले ठगों ने एक रूपया मंगवाकर ट्रांजेक्शन को सुनिश्चित किया. इसके बाद दो बार में 10 हजार और 9999 रूपए मंगवा लिए. ठगों की ठगी यही नहीं रूकी, उन्होंने दिनेश को कहा कि उनके पास पैसे नहीं पहुंचे है. इसलिए वह 20 हजार रूपए और उनके खाते में भेजे.
बता दें कि यदि पुराना ट्रांजेक्शन भी आ जाएगा तो वे वापिस लौटा देंगे. इस बात की जानकारी दिनेश ने अपने भाई डॉ. अजय पूनियां को दी. उसने आकर देखा तो वह सुन्न हो गया और उसने अपने भाई को बताया कि यह कोई स्कूटी नहीं देने वाले ठग है, जिसके बाद ओएलएक्स पर स्कूटी बेचने वाले नंबरों पर कई बार कॉल किया, लेकिन कोई रिसिव नहीं कर रहा.
जयपुर साइबर थाने पहुंचा डॉक्टर भाई
अपने भाई दिनेश के साथ ठगी होने के बाद उसका डॉक्टर भाई अजय पूनियां सीधा जयपुर साइबर थाने पहुंचा, लेकिन वहां पर कोई सहायता नहीं मिली, जिसके बाद वापिस आकर सूरजगढ़ थाने में रिपोर्ट दी गई है. वहीं बैंक में भी संपर्क कर इस फ्रॉड के बारे में जानकारी दी गई है.
Reporter: Sandeep Kedia
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