Baran: नगर परिषद से कई पत्रावलियां गायब, निवर्तमान सभापति और कनिष्ठ सहायक के खिलाफ मामला दर्ज
Advertisement

Baran: नगर परिषद से कई पत्रावलियां गायब, निवर्तमान सभापति और कनिष्ठ सहायक के खिलाफ मामला दर्ज

बारां नगर परिषद आयुक्त मनोज कुमार मीणा ने शुक्रवार को शहर कोतवाली में भूरूपांतरण सम्बन्धित कई पत्रावलियों को गायब करने और कई में काट-छाट करने के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है.

नगर परिषद से कई पत्रावलियां गायब

Baran: राजस्थान के बारां नगर परिषद आयुक्त मनोज कुमार मीणा ने शुक्रवार को शहर कोतवाली में भूरूपांतरण सम्बन्धित कई पत्रावलियों को गायब करने और कई में काट-छाट करने के आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है.

इस प्रकरण में निवर्तान सभापति कमल राठौर और कनिष्ठ सहायक पर गंभीर आरोप लगाए गए है. पुलिस ने मामले की गहनता से पड़ताल शुरू कर दी है. शहर कोतवाली प्रभारी सीआई मांगेलाल यादव ने बताया कि परिषद आयुक्त मीणा की ओर से दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व में भूमि विक्रय शाखा का प्रभार कनिष्ठ सहायक रामदयाल मेघवाल के पास था. मेघवाल का नगर परिषद की स्थापना शाखा में तबादला होने के बाद उसे भूमि विक्रय शाखा का प्रभार नावेद खलिक को सुपुर्द किया गया था लेकिन मेघवाल ने चार्ज में पूरी पत्रावलियां नहीं संभलवाई और जो पत्रावलियां संभलाई गई उनमें भी काटछांट की हुई थी. इस बारे में जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि काटछांट तत्कालीन सभापति कमल राठौर ने की है. 

यह भी पढ़ें - Baran Atru : पैंथर की मूवमेंट से गांव में दहशत, वन विभाग की टीम को मिले फुटप्रिंट

वहीं कुछ पत्रावलियों में से दस्तावेज गायब कर उन्हें लौटाई गई है. पत्रावलियों को संभलाने को लेकर मेघवाल को कई पर्याप्त अवसर और समय दिया गया लेकिन उन्होंने अब तक गायब पत्रावलियां नहीं दी. इनमें कुछ पत्रावलियां निवर्तमान सभापति राठौर के परिवार से सम्बन्धित है जो उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर विलोपित कराई है ऐसे सम्बन्धित मामलों में सरकारी राशि के गबन को छिपाने के लिए आपराधिक षडयंत्र और छल-कपट पूर्वक आशय गायब नष्ट कर दी है. कोतवाली प्रभारी ने बताया कि राठौर और मेघवाल के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और इस मामले का अनुसंधान जारी है.

यह भी पढ़ें - Baran: पैसे के लेन-देन को लेकर मारपीट में फायरिंग से एक युवक घायल, मामला थाने में दर्ज

नगर परिषद के निवर्तमान और अरोपित सभापति कमल राठौर का कहना है कि परिषद की फाइलों और प्रशासनिक मामलों में कोई लेना-देना नहीं होता और यह आयुक्त और संबंधित शाखा के अधीन रहती है. झूठ और अनर्गल बातों के आधार पर खुद की गलतियों को छिपाने की आयुक्त द्वारा कोशिश की जा रही है. करीब डेढ़ वर्ष बाद झूठा परिवाद देकर जांच की दिशा बदली जा रही है और सभापति का इनसे कोई सराकोर नहीं है.

Report: Ram Mehta

Trending news