कोटा के एक शिक्षाविद शशि प्रकाश सिंह (Shashi Prakash Singh) ने खास बीड़ा उठाया है. कोरोना लहर 2021 में प्रभावित हुए 2021 परिवारों के जरूरतमंदों की पढ़ाई अब अधूरी नहीं रहेगी यानी 2021 परिवारों की पढ़ाई का खर्चा शशि प्रकाश सिंह उठाएंगे.
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Kota: कोरोना (Corona) की पहली लहर ने ही अर्थव्यवस्था (Economy) को बड़ा नुकसान पहुंचाया और दूसरी लहर ने पूरी तरह कमर तोड़ दी. ज्यादातर तबकों पर इसका बड़ा असर पड़ा.
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कइयों के रोजगार छीन गए तो कइयों के पिट गए तो किसी ने बड़ा नुकसान उठाया. ऐसे में हजारों लाखों-परिवारों पर एक मार ये भी पड़ी कि पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की फीस जमा नहीं हुई तो नौबत पढ़ाई छूटने तक की आ गई लेकिन कोटा के एक कोचिंग के शिक्षक ने बीड़ा उठाया है. साल 2021 में कोरोना से पीड़ित 2021 परिवारों के बच्चों की पढ़ाई का ताकि उनकी पढ़ाई अधूरी न रहे.
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कोरोना की दूसरी लहर ने देश को हिलाकर रख दिया. बच्चे अनाथ हुए और कई इलाज में हुए बड़े खर्चों से पीड़ित है और अब इन हालातों के बीच इनके लिए अपनी पढ़ाई जारी रख पाना मुश्किल और एक बड़ी चुनौती बन गया है. ऐसे छात्रों के लिए कोटा के एक शिक्षाविद शशि प्रकाश सिंह (Shashi Prakash Singh) ने खास बीड़ा उठाया है. कोरोना लहर 2021 में प्रभावित हुए 2021 परिवारों के जरूरतमंदों की पढ़ाई अब अधूरी नहीं रहेगी यानी 2021 परिवारों की पढ़ाई का खर्चा शशि प्रकाश सिंह उठाएंगे.
क्या कहना है शशि प्रकाश सिंह का
शशि प्रकाश सिंह (Shashi Prakash Singh) यूपी के हैं और कोटा में शिक्षाविद है. शशि सिंह का मानना है कि वर्तमान समय को देखते हुए कई छात्र ऐसे हैं, जो धन और पेरेंट्स के अभाव में अपनी स्कूल या कोचिंग की पढ़ाई जारी नहीं रख सकते. देश के मध्यम वर्गीय और गरीब परिवारों में शिक्षा की जरूरत से भली-भांति परिचित शशि प्रकाश सिंह मूल तौर पर रसायन शास्त्र के अध्यापक हैं. उनके अनुसार हमारे देश में मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग की कोरोना प्रभावित परिवारों को इस समय की गई सहायता बड़ी मदद कर सकती है. किसी छात्र की सफलता और उज्जवल भविष्य में पैसा बाधा नहीं बनना चाहिए उनका मूल्य शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाएं और सहानुभूति प्रदान करना है.
कई छात्रों की कर चुके हैं मदद
शशि सिंह इस पहल से अब तक कई छात्रों की सहायता कर चुके हैं. उन्होंने अपील की है कि देश में किसी भी कोने में कोई भी छात्र जिसने अपने माता-पिता को खो दिया है या जो आर्थिक रूप से कमजोर हो और वह अपने आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहता है, उनसे सोशल मीडिया से संपर्क कर सकते हैं.
हर कोई कर रहा तारीफ
निश्चित ही यह कोशिश सराहनीय है जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है क्योंकि मौजूदा हालातों के बीच आज ऐसे अनगिनत परिवार हैं, जिनके सामने अनगिनत चुनौतियां भी हैं, वो तकलीफ वो परिवार ही जानता है. जब पढ़ाई अधूरी छूटने पर सपने चकनाचूर होते नजर आते हैं लेकिन शशि प्रकाश जो उम्मीद की किरण उन परिवारों को दिखा रहे हैं. उसके बाद टूटते सपने फिर से साकार होने की दिशा भी वहां से नजर आती है.