Rajasthan News: राजस्थान की पावन धरती पर समलैंगिक विवाह से लोगों में गुस्सा, कौन कर रहा धार्मिक मान्यताओं पर कुठाराघात!

Rajasthan News: राजस्थान की पावन धरती पर समलैंगिक विवाह से लोगों में गुस्सा है. राजस्थान के कल्याण की पावन धरा पर समलैंगिक विवाह का मामला सामने आन के बाद लोगों मे ंगुस्सा है.

Rajasthan News: राजस्थान की पावन धरती पर समलैंगिक विवाह से लोगों में गुस्सा, कौन कर रहा धार्मिक मान्यताओं पर कुठाराघात!

Rajasthan News: राजस्थान के डिग्गी कल्याण मंदिर, जो हजारों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है, वहां अब समलैंगिक विवाह जैसी घटनाएं होने लगी हैं. हाल ही में डिग्गी गढ़ में मोहित (जयपुर) और एंड्रयू (पश्चिमी देश) के बीच हुए समलैंगिक विवाह ने आमजन में आक्रोश पैदा कर दिया है. धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं पर सवाल उठने लगे हैं कि ऐसी पवित्र धरा पर इन विवाहों की अनुमति कैसे दी जा सकती है?

डिग्गी कल्याण मंदिर, जहां हर साल हजारों लोग धार्मिक आयोजनों और मेले के लिए आते हैं, उस स्थान पर इस तरह की घटनाएं होने से स्थानीय लोग नाराज हैं. इस मामले को लेकर गढ़ प्रशासन सवालों के घेरे में है, क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना है कि समलैंगिक विवाह जैसे आयोजन डिग्गी की पवित्रता और धार्मिक महत्व को ठेस पहुंचा रहे हैं.

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समलैंगिक विवाह और कानून

भारतीय कानून के तहत समलैंगिक विवाह अभी भी मान्यता प्राप्त नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में समलैंगिक संबंधों को वैध कर दिया था, लेकिन विवाह को लेकर कोई कानूनी समर्थन नहीं है. इसके बावजूद राजस्थान जैसे पारंपरिक और धार्मिक राज्य में ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. डिग्गी गढ़ में हुए इस विवाह को लेकर कई धार्मिक संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है और इसे भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया है.

राजस्थान में समलैंगिक विवाह की घटनाएं

हाल के वर्षों में राजस्थान में समलैंगिक विवाह के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन ये विवाह अब भी सामाजिक और कानूनी तौर पर विवादित माने जाते हैं. यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में समलैंगिक विवाह ने सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन डिग्गी कल्याण जैसे धार्मिक स्थल पर इस तरह की घटना ने आस्थावान लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाई है.

गढ़ प्रशासन पर सवाल

गढ़ प्रशासन द्वारा इस विवाह की अनुमति को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है. लोगों का मानना है कि धार्मिक स्थल के पास इस तरह के आयोजन से डिग्गी की धार्मिक महत्ता और परंपराओं का अपमान हुआ है. गढ़ के मैनेजमेंट ने इसे एक निजी आयोजन और डॉक्यूमेंट्री शूट बताया, लेकिन स्थानीय लोग इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हुए विरोध कर रहे हैं.

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