टोंक: चना सरसों का 830 करोड़ से ज्यादा बकाया, 40 दिनों बाद भी किसानों को नहीं मिला पैसा
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टोंक: चना सरसों का 830 करोड़ से ज्यादा बकाया, 40 दिनों बाद भी किसानों को नहीं मिला पैसा

टोंक न्यूज: चने और सरसों की फसल का 830 करोड़ से ज्यादा बकाया चल रहा है. 40 दिनों बाद भी किसानों को पैसा नहीं दिया गया है. इसको लेकर राष्ट्रीय किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने सरकार को आड़े हाथों लिया है.

टोंक: चना सरसों का 830 करोड़ से ज्यादा बकाया, 40 दिनों बाद भी किसानों को नहीं मिला पैसा

Tonk: टोंक सहित राजस्थान में सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर करीब 1,26,638 किसानों से जिंसों की खरीद हुई है. जिसमें से लगभग आधे 61,367 किसानों का भुगतान अब तक बकाया है. इस बकाया भुगतान को लेकर राष्ट्रीय किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने सरकार को आड़े हाथों लिया है और बकाया करीब 429.23 करोड़ रुपए सरसों तथा 401.52 करोड़ रुपए चना के भूगतान की मांग की है.

दोनों उपजों का बकाया 830.76 करोड़ है. जिनका एक माह का ब्याज 8.30 करोड़ रुपये होता है. अध्यक्ष रामपाल जाट ने दावा किया है कि राजस्थान में खरीद आरंभ होने की तारीख 1 अप्रैल थी जिसे 2 माह का समय पूर्ण हो चुका है, इसमें भी कुल स्थापित खरीद केंद्रों में से जैतारण, बानसूर जैसे अनेकों केंद्रों पर अभी तक तुलाई आरंभ नहीं हुई है . यह स्थिति तो तब है जबकि खरीद केंद्रों की संख्या 640 है जो ग्राम सेवा सहकारी समितियों की कुल संख्या का 10% भी नहीं है.

राजफेड एमडी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट द्वारा राजफैड एमडी को पत्र लिखकर भूगतन में देरी करने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है  एवं भूगतान राशि के 830 करोड़ ब्याज राशि भी देने की मांग की है. राजस्थान के किसानों के मध्य 10 अक्टूबर 2019 को लिखित समझोते के आधार पर प्रत्येक ग्राम सेवा सरकारी समिति पर खरीद केंद्र स्थापित करने की सैधांतिक सहमति हुई थी .

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (2018) के अंतर्गत किसानों को 3 दिन में भुगतान करने का प्रावधान है. जिनमें अधिकांश किसानों को 40 दिन से अधिक का समय होने के उपरांत भी भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है . यह कदम किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय करने से हतोत्साहित करने वाला अन्यायकारी है. रोचक तथ्य यह भी है की भुगतान निर्धारित समय पर करने के लिए राज्य सरकार ने भी अलग से स्थिरीकरण कोष का गठन किया हुआ है. तब भी समय पर भुगतान नहीं करना दुखद आश्चर्य है .

किसान लगा रहे बैंकों के चक्कर

टोंक जिले के किसानों का भुगतान में देरी के कारण किसान बैंकों के चक्कर भी लगा रहें हैं किसान राधेश्याम गोहरपुरा ने कहा कि 25 अप्रैल को 136250 रूपये की सरसों बेचीं थी जिसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ. राजफैड द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर बार-बार सम्पर्क करने पर कहा गया कि जल्द ही भुगतान आ जायेगा. परन्तु 40 दिनों बाद भी भुगतान नहीं मिलने से बैंक एवं उधार लेकर खेती-बाड़ी की उन्हें पैसा चुकता करने में असमर्थ हूं.

टोंक जिले के किसान को भुगतान देरी से होंने का कारण वेयरहाउस रिसीप्ट राजफैड में जमा नहीं हुई. जबकि टोंक जिले के खरीद केंद्रों पर प्लेटफॉर्म खाली हैं तो खरीद किया गया चना, सरसों कहां गया. जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो.

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