सामूहिक धर्मांतरण किसी भी देश के लिए चिंता की बात, इस पर बहस जरूरी: राजनाथ सिंह
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सामूहिक धर्मांतरण किसी भी देश के लिए चिंता की बात, इस पर बहस जरूरी: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें वोट मिलें या नहीं मिलें. हम सरकार बनाएं या नहीं बनाएं. हम जीतें या हारें. लेकिन हम लोगों के बीच भेदभाव नहीं करेंगे. 

गृहमंत्री राजनाथ सिंह कहा, 'कोई भी प्रेम से ही शासन कर सकता है. कोई दूसरा तरीका नहीं है.' (फोटो साभार - ANI)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एक ईसाई संगठन के कार्यक्रम में कहा कि 'हम जीतें या हारें, हम लोगों के बीच भेदभाव नहीं करेंगे'. उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में सामूहिक धर्मांतरण रुकना चाहिए. राजनाथ सिंह ने कहा कि वह किसी भी धर्म के अनुसरण की आजादी का समर्थन करते हैं लेकिन उनकी राय है कि सामूहिक धर्मांतरण किसी भी देश के लिए चिंता की बात है और इसलिए इस विषय पर बहस जरूरी है. उन्होंने कहा कि जहां तक सरकार की बात है तो किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा.

राष्ट्रीय ईसाई महासंघ द्वारा आयोजित समारोह में गृह मंत्री ने कहा, 'मैंने कभी अपने जीवन में जाति, वर्ण और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया है. हमें वोट मिलें या नहीं मिलें. हम सरकार बनाएं या नहीं बनाएं. हम जीतें या हारें. लेकिन हम लोगों के बीच भेदभाव नहीं करेंगे. यही हमारे प्रधानमंत्री का कहना है.'राजनाथ सिंह ने कहा कि बिना प्रेम के कोई भी सत्ता और शासन में नहीं रह सकता. उन्होंने कहा, 'कोई भी प्रेम से ही शासन कर सकता है. कोई दूसरा तरीका नहीं है.' 

 'हम किसी के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते' 
उन्होंने कहा, ‘मैं ईसाई समुदाय को लेकर एक चीज और कहूंगा. हम किसी के खिलाफ आरोप नहीं लगाना चाहते. आपने भी सुना होगा. अगर कोई व्यक्ति किसी धर्म को अपनाना चाहता है तो उसे ऐसा करना चाहिए. इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. लेकिन अगर सामूहिक धर्मांतरण शुरू होता है, तो बड़ी संख्या में लोग धर्म बदलना शुरू कर देते हैं, तो यह किसी भी देश के लिए चिंता की बात हो सकती है.’

राजनाथ सिंह ने कहा कि ब्रिटेन और अमेरिका समेत लगभग सभी देशों में अल्पसंख्यक धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग करते हैं लेकिन भारत में मैं देखता हूं कि बहुसंख्यक मांग करते हैं कि धर्मांतरण विरोधी कानून होना चाहिए. तो यह चिंता की बात है. ऐसा नहीं होना चाहिए.

'लोगों के बीच डर की भावना भरने की कोशिशें हो रही हैं'
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि लोगों के बीच डर की भावना भरने की कोशिशें हो रही हैं. कहा जा रहा है कि 'बीजेपी आ गई. अब गड़बड़ होगा. ये होगा, वो होगा. हम डर की भावना भरकर देश नहीं चलाना चाहते. हम विश्वास के साथ देश चलाना चाहते हैं. किसी के अंदर अलगाव की भावना नहीं होनी चाहिए. यही हमारी कोशिश रहेगी.' 

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एनडीए सरकार को बदनाम करने की कोशिशें हो रही हैं. राजनाथ सिंह ने कहा, 'हाल ही में चर्चों पर पत्थर फेंके गये. कुछ पादरी मेरे पास आये और सुरक्षा मांगी. मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि इसमें शामिल सभी लोगों को दंडित किया जाएगा. मैंने उन्हें सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया. लेकिन विधानसभा चुनावों से एक महीने पहले पथराव शुरू हुआ और इसके एक महीने बाद रुक गया. इस पर आप क्या कहेंगे. यह किसकी साजिश है?'  

(इनपुट - भाषा)

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