Supreme Court Nameplate Order: सुप्रीम कोर्ट दुकानों के आगे पहचान वाली नेमप्लेट को हटाने का आदेश दे चुका है. इसके बावजूद मुजफ्फरनगर में दुकानदार किसके खौफ से नेमप्लेट को हटा नहीं पा रहे हैं.
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DNA on Supreme Court Nameplate Order: सुप्रीम कोर्ट ने कांवड मार्ग में नेमप्लेट लगाने वाले मामले पर सुनवाई की और राज्यों को नोटिस जारी करते हुए दुकान पर नाम लिखने के ऑर्डर पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि सारे दुकानदार नेमप्लेट उतार सकते हैं. कई दुकानदारों ने नेमप्लेट उतार भी दी लेकिन कई दुकानदार ऐसे भी हैं. जिनकी हिम्मत ही नहीं हो रही है कि वो अपनी दुकानों से नाम और पहचान वाले बैनर-पोस्टर उतार दें. अब सवाल ये कि हिम्मत क्यों नहीं हो रही है.
पुलिसवाले नेमप्लेट हटाने पर दे रहे धमकी- दुकानदार
कई मुस्लिम दुकानदारों का आरोप है कि पुलिस ने उनसे नेमप्लेट हटाने के लिए मना किया है और ऐसा न करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है. दुकानदारों का यह आरोप कितना सच, इसके बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन इस बार लगातार सवाल जरूर उठ रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं हो रहा लागू?
पुलिस का ये खौफ यूं ही नहीं है और ना ये लोग मनगढंत डर दिखा रहे हैं. मुस्लिम दुकानदारों को लगा कि सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है तो अब कोई कुछ नहीं कहेगी. लेकिन इधर नेमप्लेट हटाई, उधर पुलिस आई और नेमप्लेट दोबारा लगवाकर ही गई. धमकी अलग से दे गई.
क्या कोर्ट से बड़ी हो गई है पुलिस?
अब तो आप समझ ही गए होंगे. हम क्यों कह रहे हैं कि यूपी पुलिस तो सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ी हो गई. अब अगर इन बेचारों ने नेमप्लेट हटाई और पुलिस आ गई तो इन्हें बचाने सुप्रीम कोर्ट थोड़े ही आएगा. इसलिए भलाई इसी में है कि नेमप्लेट लगाए रखो.
पुराने आदेश को फॉलो करवा रही पुलिस?
कायदा तो ये कहता है कि जैसे यूपी पुलिस ने जमीन पर उतरकर मेहनत करके कांवड़ के पूरे रास्ते में दुकानदारों और रेहड़ीवालों को नेमप्लेट लगाने के लिए मजबूर किया था. उसी तरह उत्तर प्रदेश पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करवाती. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने में यूपी पुलिस को कोई दिलचस्पी नहीं है. वो तो अभी भी पुराने वाले ऑर्डर को ही Follow कर रही है और पुलिस के ही खौफ में दुकानदार चाहते हुए भी नेमप्लेट नहीं हटा पा रहे हैं.