Jhamu Jatra: भाजपा नेता व पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हमेशा अपने बयानों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने ऐसा कारनामा किया है जिसे देखकर सब दंग हैं. संबित पात्रा ने दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलकर सभी को दंग कर दिया है.
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Jhamu Jatra: भाजपा नेता व पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हमेशा अपने बयानों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं. लेकिन इस बार उन्होंने ऐसा कारनामा किया है जिसे देखकर सब दंग हैं. संबित पात्रा ने दहकते अंगारों पर नंगे पैर चलकर सभी को दंग कर दिया है. उन्होंने खुद वीडियो ट्वीट कर अपने इस अनुभव के बारे में बताया है. संबित पात्रा का जलती आग पर नंगे पैर चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
बता दें कि संबित पात्रा मंगलवार को महा विसुवा संक्रांति यानी ओडिया न्यू ईयर के जलती आग पर चले. इसे झामू जात्रा कहा जाता है. संबित पात्रा मंगलवार को ओडिशा के पुरी जिले में झामू जात्रा में शामिल हुए और दहकते अंगारों पर नंगे पैर चले. पात्रा लगभग 10 मीटर तक जलते हुए कोयले पर चले.
भाजपा प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि आज, मैंने पुरी जिले के समांग पंचायत के रेबती रमण गांव में तीर्थयात्रा में भाग लिया, आग पर चलकर माता का पूजन किया और उनका आशीर्वाद लिया और ग्रामीणों की सुख-समृद्धि की कामना की. इस तीर्थयात्रा में आग पर चलकर माता का आशीर्वाद प्राप्त कर स्वयं को धन्य महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि लोगों के कल्याण और क्षेत्र में शांति के लिए आग पर चलने का कार्य किया.
शक्ति पूजा हमारी सनातन संस्कृति एवं परंपरा का अहम हिस्सा है, पुरी जिले के समंग पंचायत के रेबती रमण गांव में आयोजित यह दण्ड और झामू यात्रा इसी प्राचीन परंपरा का प्रतीक है।
इस तीर्थयात्रा में अग्नि पर चलकर मां की पूजा-अर्चना एवं आशीर्वाद प्राप्त कर, खुद को धन्य अनुभव कर रहा हूँ।… pic.twitter.com/oTciqW61Gj
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 11, 2023
आइये आपको बताते हैं झामू जात्रा के बारे में. यह महा विसुवा संक्रांति को ओडिया नव वर्ष के अवसर पर सभी का ध्यान आकर्षित करता है. झामू जात्रा भक्तों के व्रत (ब्रता) को पूरा करने के लिए आग पर चलने की प्रथा है. झामू जात्रा का पालन करने वाले भक्तों को पटुआ या पवित्र भक्त के रूप में जाना जाता है. ये पटुआ इस दिन पारंपरिक तरीके से आग में चलकर अपना व्रत पूरा करते हैं.
इस अवसर पर, पटुआ नामक भक्त नदी या जलाशयों से पवित्र जल एकत्र करते हैं और देवता से उनका आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना करते हैं. पवित्र जल से भरे मिट्टी के घड़े के साथ भक्त कुछ दूरी तक जलते लकड़ी के कोयले पर चलते हैं. वे सुरम्य वेशभूषा पहनते हैं और जलते हुए कोयले पर नंगे पैर नृत्य करते हैं जो उत्सव के दौरान अनुष्ठान का एक हिस्सा है. ऐसा माना जाता है कि देवता का आशीर्वाद भक्तों को आग के कोयले पर चलने के दौरान चोटिल होने से बचाता है.
पटुआ देवी को प्रसन्न करने के लिए बहुत दर्द और कठिनाई से गुजरते हैं, जो मानते हैं कि वे उनकी इच्छाओं को पूरा करेंगी. कुछ लोग अपनी इच्छाओं, पूर्व-निर्धारित मन्नतों को पूरा करने के लिए देवी-देवताओं के प्रति आभार प्रकट करने के लिए भी ऐसा करते हैं.
'झामू जात्रा' देवी 'मंगला' के लोकप्रिय त्योहारों में से एक है. जिसकी शुरुआत ओडिशा के पुरी जिले के काकटपुर में मंगला मंदिर से हुई है. यह आज भी ओडिया कैलेंडर के पहले दिन महा बिशुबा संक्रांति पर होता है और वसंत के अंत और गर्मियों की शुरुआत का भी प्रतीक है.
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