कश्मीर: दशकों से अटके राजमार्ग का काम होगा पूरा, गुरुद्वारा तोड़ने पर राजी हुआ सिख समुदाय
Advertisement

कश्मीर: दशकों से अटके राजमार्ग का काम होगा पूरा, गुरुद्वारा तोड़ने पर राजी हुआ सिख समुदाय

बीते गुरुवार को सिख समुदाय और श्रीनगर जिला प्रशासन के बीच हुए एक समझौते के अनुसार नया गुरुद्वारा पास में एक वैकल्पिक स्थल पर बनाया जाएगा. 

फाइल फोटो.

श्रीनगर: कश्मीर (Kashmir) की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर (Srinagar) को बारामूला से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का दशकों से अटका काम अब पूरा होने वाला है. सिख समुदाय ने इसके लिए 72 साल पुराने गुरुद्वारा दमदमा साहिब को तोड़े जाने पर अपनी सहमति दे दी है. बीते गुरुवार को सिख समुदाय और श्रीनगर जिला प्रशासन के बीच हुए एक समझौते के अनुसार नया गुरुद्वारा पास में एक वैकल्पिक स्थल पर बनाया जाएगा. आपको बता दें कि साल 1947 में बनाए गए गुरुद्वारा दमदमा साहिब मुख्य रूप से पाकिस्तान से आए प्रवासी परिवारों की सेवा करता है और इसमें लंगर चलता है.

सिख समुदाय के प्रशंसनीय कदम के बाद अब श्रीनगर-बारामूला राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित गुरुद्वारा दमदमा साहिब को तोड़कर 4 सड़कें बनाई जाएंगी. दमदमा साहिब गुरुद्वारे के नाम से जाने जाने वाले इस प्राचीन गुरुदुवारे का अपना एक इतिहास है.  कहा जाता हैं कि गुरुद्वारे ने पाकिस्तान से आए प्रवासी परिवारों की सेवा की और न केवल सिखों बल्कि सभी धर्मों के लोगों के रुकने और लंगर खाने का स्थान बना रहा. इस गुरुदुवारे ने लंगरों और सामाजिक सेवा में भी नाम कमाया है. बाढ़ और भूकंप पीड़ितों को भी आश्रय दिया. 

यह भी पढ़ें: कश्मीर में चिल्ले कलां ने दी दस्तक, भारी बर्फबारी के चलते पारा -9 डिग्री से भी नीचे

आपको बता दें कि साल 2004 में सरकार ने श्रीनगर से बारामूला तक एक 4 लेन राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण शुरू किया. इस परियोजना के बीच में आने वाली कई इमारतें सरकार को तोड़नी पड़ीं. 2013 में सड़क पूरी हो गई थी. लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और परियोजना अटक गई. इस परियोजना में चार अड़चने बनी रहीं. इनमें गुरुद्वारा साहब, एक बिजली लाइन, एक पेट्रोल पम्प और वॉटर सप्लाई लाइन शामिल थीं. जो जमीन गुरुद्वारे के निर्माण के लिए प्रस्तावित की गई थी उस पर जमीन मालिक ने आपत्ति जताई और 2014 में स्टे प्राप्त कर लिया. तब से भूमि मालिक, गुरुद्वारा समिति, जिला कमिश्नर मुकदमेबाजी में उलझे रहे. लेकिन अब दशकों बाद गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी और जिला कमिश्नर के बीच सफल वार्ता के बाद गुरुद्वारे को हटाया जाएगा.

सिख समुदाय के लोगों का कहना हैं कि पहले रास्ता फिर सब कुछ. हम नहीं चाहते कि आम लोगों की मुश्किलें बानी रहें. पिछले एक सप्ताह के दौरान बैठकों की एक श्रृंखला के बाद और मुद्दे को हल करने के लिए विभिन विकल्पों को परख कर, दोनों पक्ष एक समझौते पर पहुंचे. इसमें सिख समुदाय ने जिला कमिश्नर के प्रस्ताव को माना जिसमें गुरूद्वारे के पास में ही गुरूद्वारे के लिए जमीन प्रबंध और गुरुद्वारे का पुनर्निर्माण शामिल था. गुरुद्वारा अब एक अस्थायी स्थान पर फिलहाल शिफ्ट होगा, तब तक जब तक कि एक नया गुरुद्वारा स्थापित नहीं हो जाता. 

ये भी देखें

Trending news