CSIR की स्टडी में दावा किया गया है कि स्मोकिंग करने वाले और वेजेटेरियन लोगों को कोरोना का खतरा 80 प्रतिशत तक कम रहता है. धूम्रपान से म्यूकस प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जो फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस का काम करता है, जबकि वेजेटेरियन खाना इम्यूनिटी को बढ़ाता है.
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नई दिल्ली: काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) की ओर से कराए गए एक सर्वे में सामने आया है कि धूम्रपान (Smoking) करने वाले और वेजेटेरियन (Vegetarian) लोगों में कोविड-19 के संक्रमण का खतरा कम रहता है. सर्वे में पाया गया है कि कोरोना वायरस भले ही सांस से जुड़ी बीमारी है, लेकिन स्मोकिंग इससे बचाने में सक्षम हो सकता है, क्योंकि धूम्रपान से म्यूकस प्रोडक्शन बढ़ जाता है, जो फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस का काम करता है.
सर्वे में यह भी पाया गया है कि फाइबर युक्त शाकाहारी भोजन कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी (Immunity) देने में भूमिका निभा सकता है, क्योंकि इसमें पेट के बैक्टीरिया में बदलाव करते हुए एंटी इंफ्लेमेटरी की तरह काम करने की खूबी होती है. 140 डॉक्टरों और रिसर्च वैज्ञानिकों की टीम ने 'सार्स-कोवी-2' के खिलाफ एंटीबॉडी की मौजूदगी और संक्रमण के संभावित रिस्क फैक्टर को न्यूट्रलाइज करने की उनकी क्षमता का पता लगाने के लिए स्टडी की. इस स्टडी में शहरों एवं सेमी अर्बन एरिया में CISR की 40 से ज्यादा लैब और केंद्रों में काम करने वालों और उनके परिवार के सदस्यों समेत कुल 10,427 लोगो को शामिल किया गया. इन सभी ने स्वैच्छिक रूप से अध्ययन में हिस्सा लिया था.
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इससे पहले फ्रांस में दो स्टडी और इटली-न्यूयॉर्क और चीन में ऐसी ही रिपोर्ट में स्मोकिंग करने वालों में कोविड संक्रमण (Coronavirus) के कम खतरे की बात सामने आ चुकी है. अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के एक स्टडी में भी ऐसे ही तथ्य सामने आए थे. इस स्टडी में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए 7,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की आबादी में 14 प्रतिशत लोग स्मोकिंग करते हैं, जबकि संक्रमितों में मात्र 1.3% लोग ही स्मोकिंग करने वाले थे. इसी तरह, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के एकेडमिक्स ने यूके, चीन, अमेरिका और फ्रांस के ऐसे 28 स्टडी के विश्लेषण से पाया कि कोविड-19 के कारण अस्पताल जाने वाले मरीजों में स्मोकिंग करने वालों का फीसद अनुमान से कम रहा.
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इन स्टडीज में से एक में पाया गया कि ब्रिटेन में कोविड-19 के मरीजों में स्मोकिंग करने वालों की हिस्सेदारी मात्र 5% है, जो यहां स्मोकिंग करने वालों की दर यानी 14.4% की तुलना में तिहाई है. फ्रांस में एक अन्य स्टडी में कोविड-19 संक्रमितों में स्मोकिंग करने वालों की हिस्सेदारी 7.1% दिखी, जो 32% के राष्ट्रीय औसत की चौथाई है. चीन में एक स्टडी में पाया गया कि यहां मरीजों में मात्र 3.8% लोग धूम्रपान करने वाले थे, जबकि यहां आधी से ज्यादा आबादी नियमित रूप से सिगरेट पीती है.
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कोरोना वायरस के खतरे और धूम्रपान के बीच संबंध को समझने के लिए जिन-जिन झांग में किए गए एक अलग अध्ययन में पाया गया कि मात्र 9 मरीज (6.4%) ऐसे थे, जिन्होंने कभी स्मोकिंग किया था और इनमें से 7 ऐसे थे जो स्मोकिंग छोड़ चुके थे. स्टडी में पाया गया कि स्मोकिंग करने वालों में सार्स-कोवी-2 से संक्रमित होने का खतरा कम रहता है. इन नतीजों की पुष्टि फ्रांस में एक पब्लिक हेल्थ डाटा के अध्ययन से भी हुई, जिसमें पाया गया कि समान उम्र एवं वर्ग (महिला या पुरुष) के स्मोकिंग करने वालों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा 80 प्रतिशत कम रहता है.
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