गुजरात के सबसे लंबे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य आम्बेडकर की मूर्ति के चलते रुका
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गुजरात के सबसे लंबे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य आम्बेडकर की मूर्ति के चलते रुका

कॉन्ट्रैक्टर का कहना है कि इस ब्रिज का निर्माण आगे बढ़ाने के लिए बाबा साहेब की मूर्ति को हटाना होगा.

दलित संगठनों ने कहा है कि ब्रिज का निर्माण मूर्ति को हटाये बिना ही किया जाय. अगर नगर निगम द्वारा मूर्ति को हटाया जाता है तो, दलित संगठन उग्र आंदोलन करेंगे.

रवि अग्रवाल/वडोदरा: गुजरात के वडोदरा में गुजरात का सबसे लंबा फ्लाईओवर ब्रिज बनाया जा रहा है. इस ब्रिज की लंबाई साढ़े चार किलोमीटर की है तो, वहीं इसको बनाने की लागत भी कुछ कम नहीं है. गुजरात के सबसे बड़े फ्लाईओवर की लागत करीबन 250 करोड़ से भी अधिक है. इस सबसे बड़े ब्रिज के निर्माण में बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर की मूर्ति बीच में आने की वजह से कॉन्ट्रैक्टर ने ब्रिज निर्माण का काम रोक दिया है. दरअसल, ये ब्रिज वडोदरा के गेंडा सर्किल से लेकर मनीषाचौकड़ी तक बनाया जाना है. लेकिन रेसकोर्स सर्किल के पास इस ब्रिज का निर्माण रोक दिया गया है. 

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इस ब्रिज के निर्माण को ब्रिज के कॉन्ट्रैक्टर द्वारा ही रोक दिया गया है. कॉन्ट्रैक्टर का कहना है कि इस ब्रिज का निर्माण आगे बढ़ाने के लिए बाबा साहेब की मूर्ति को हटाना होगा. मूर्ति के चलते ब्रिज के निर्माण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कॉन्ट्रैक्टर ने इसकी जानकारी नगर निगम को दे दी है. वहीं, नगर निगम भी मामले में बेबस दिख रहा है. नगर निगम मूर्ति को लेकर कोई फैसला ले, उससे पहले ही दलित संगठनो ने आंदोलन कर नगर निगम को मूर्ति न हटाने को लेकर चेतावनी दी है.

दलित संगठनों ने कहा है कि ब्रिज का निर्माण मूर्ति को हटाये बिना ही किया जाय. अगर नगर निगम द्वारा मूर्ति को हटाया जाता है तो, दलित संगठन उग्र आंदोलन करेंगे. हालांकि, जब मूर्ति हटाने के मामले पर वीएमसी के डिप्टी मेयर डॉ. जीवराज चौहाण और दलित संगठन के नेता से पूछा गया तो उन्होंने मूर्ति हटाने की बात को अफवाह बताया है. डिप्टी मेयर और दलित संगठन के नेता ने आश्वासन देते हुए कहा की मूर्ति यहां से नहीं हटाई जाएगी. हालांकि, नगर निगम द्वारा ब्रिज के निर्माण के दौरान मूर्ति को ढंकने की बात जरूर की गई है.

इस मामले पर जब ब्रिज का निर्माण कर रहे कॉन्ट्रैक्टर से बात की गई तो उन्होंने मूर्ति को हटाना जरुरी बताया है. कॉन्ट्रैक्टर ने कहा कि अगर मूर्ति नहीं हटाई जाती है तो ब्रिज के डिज़ाइन में खामी हो सकती है. अगर ब्रिज का निर्माण आर्किटेक्ट की डिज़ाइन के अनुसार नहीं बनाया जाता है तो, आने वाले समय में बड़े हादसे का खतरा बना रहेगा. इस मामले को लेकर नगर निगम कमज़ोर और मायूस दिख रही है. बहरहाल मूर्ति को लेकर क्या फैसला लिया जाता है और गुजरात के सबसे लंबे फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण कैसे होता है, ये देखना होगा. 

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