शिवेसना ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को दिया टिकट, नालासोपारा से बनाया प्रत्याशी
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शिवेसना ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को दिया टिकट, नालासोपारा से बनाया प्रत्याशी

2009 और 2014 हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नालासोपार सीट बहुजन विकास अघाड़ी ने जीती थी.

शिवेसना ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को दिया टिकट, नालासोपारा से बनाया प्रत्याशी

मुंबईः महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव 2019 ((Maharashtra Assembly Elections 2019)  लिए शिवसेना ने मुंबई पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा को नालासोपारा विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है. प्रदीप शर्मा को मुंबई पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माना जाता है. सोमवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एबी फॉर्म जारी कर दिया. 2014 विधानसभा चुनाव में नालासोपारा सीट प्रकाश आंबेडकर की बहुजन विकास आघाड़ी ने जीती थी. इस सीट से बहुजन विकास अघाड़ी के क्षितिज ठाकुर जीते थे. वहीं  शिवसेना तीसरे स्थान पर रही थी. वहीं बीजेपी दूसरे नंबर थी.

साल 2009 में नालासोपार विधानसभा सीट बहुजन अघाड़ी के ही खाते में गई थी. उस साल शिवसेना ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और यह गठबंधन दूसरे स्थान पर रहा था. 

बीजेपी शिवसेना के बीच गठबंधन का आज ऐलान हो सकता है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल आज शाम साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले तीनों नेताओं के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होगी. 

वहीं दूसरी तरफ, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की खबर है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि 29 वर्षीय आदित्य ठाकरे 3 अक्टूबर को नामांकन दाखिल कर सकते हैं. पार्टी के 53 साल के इतिहास में यह पहली बार होगा कि चुनाव में शिवसेना को किसी 'ठाकरे' का चेहरा मिलेगा. ठाकरे परिवार से कोई भी चुनाव लड़ने वाले आदित्य ठाकरे पहले सदस्य होंगे. वर्तमान में वह शिवसेना की युवा शाखा, युवा सेना के प्रमुख हैं.

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मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से आदित्य की उम्मीदवारी की अधिकारिक घोषणा आज की जा सकती है. बता दें कि महाराष्ट्र में नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 4 अक्तूबर है. इससे पहले बाल ठाकरे, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे किसी ने भी चुनाव नहीं लड़ा है.

वर्ली विधानसभा सीट
आदित्य ठाकरे का निवास स्थान 'मातोश्री' बांद्रा ईस्ट विधानसभा चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत आता है. शिवसेना का मुख्य कार्यालय 'सेना भवन' दादर इलाके में है. बावजूद इसके शिवसेना ने अपने सबसे 'ताकतवर' उम्मीदवार को सबसे 'सेफ' सीट पर उतारने का फैसला किया है. वर्ली विधानसभा सीट पर शिवसेना के सुनील शिंदे मौजूदा विधायक हैं, जबकि उनके विरोधी रह चुके सचिन अहिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़कर शिवसेना में शामिल हो ही चुके हैं.

बता दें कि की राजनीति में पिछले पांच दशक से ठाकरे परिवार का किसी न किसी न किसी रूप में प्रभाव रहा है. 1960 के दशक में शिवसेना की स्‍थापना के साथ बाला साहेब ठाकरे का सियासी रसूख महाराष्‍ट्र की राजनीति में बढ़ता गया. उनके बाद कमान बेटे उद्धव ठाकरे ने संभाली लेकिन सत्‍ता को रिमोट कंट्रोल की तरह चलाने वाला ठाकरे परिवार अब पहली चुनावी दंगल (Maharashtra Assembly Elections 2019) में उतर रहा है. 

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन होने पर सत्‍ता में आने की स्थिति में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बनेंगे. इसलिए उनको डिप्टी सीएम पद के रूप में चुनावों में प्रोजेक्‍ट किया जा सकता है. सूत्रों का ये भी कहना है कि मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पहले ही आदित्य ठाकरे को उप मुख्यमंत्री बनाने की बीजेपी की तरफ से शिवसेना के सामने पेशकश कर चुके हैं.

दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस कई अलग-अलग मंचों पर आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कह चुके हैं. ऐसे में इस बात के आसार नजर आ रहे हैं कि अगर शिवसेना की तरफ से उपमुख्यमंत्री पद की मांग की जाती है तो वो आदित्य के लिए ही होगी. फिलहाल शिवसेना की तैयारियों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आदित्य शिवसेना की तरफ से उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं.

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'शिवसैनिक बनेगा CM'
हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच रस्‍साकशी जारी है. इस बीच शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अपने दिवंगत पिता बालासाहेब ठाकरे से वादा किया था कि एक दिन एक शिवसैनिक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा. इस बयान को गठबंधन के इसके साथी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक कड़े संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. ठाकरे ने शीर्ष पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, "मैंने बालासाहेब से यह वादा किया था कि मैं एक दिन शिवसैनिक को राज्य का मुख्यमंत्री बनाऊंगा. मैं उनसे किए वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं.

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