भेदभाव से दुखी GAY ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा- 'भगवान से पूछूंगा मुझे ऐसा क्यूं बनाया'
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भेदभाव से दुखी GAY ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा- 'भगवान से पूछूंगा मुझे ऐसा क्यूं बनाया'

बता दें पुलिस को 3 जुलाई को चेन्नई के नीलंकरई पर एक लाश मिली थी, जिसके बाद खोजबीन में पता चला कि यह शव अविंशू पटेल नाम के युवक की है, जो चेन्नई के एक स्पा में काम करता था.

समलैंगिक होने के चलते काफी परेशान था अविंशू. (फोटो साभारः Facebook)

नई दिल्लीः मुंबई के रहने वाले एक समलैंगिक युवक ने कथित भेदभाव से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. मृतक का नाम अविंशू पटेल उम्र 19 साल है, जिसने समुद्र में कूदकर अपनी जान दे दी. अविंशू ने खुदकुशी करने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने बताया है कि कैसे समलैंगिक होने के चलते उसे समाज के तानों का सामना करना पड़ता है और लोग उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं. अविंशू ने फेसबुक पर हिंदी और इंग्लिश में सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने अपनी खुदकुशी के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है.

बता दें पुलिस को 3 जुलाई को चेन्नई के नीलंकरई बीच पर एक लाश मिली थी, जिसके बाद खोजबीन में पता चला कि यह शव अविंशू पटेल नाम के युवक की है, जो चेन्नई के एक स्पा में काम करता था. पुलिस ने बताया कि अविंशू का शव मिलने के बाद उसके दोस्तों से उसके बारे में पूछा गया और उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स भी खंगाले गए, जिससे पता चला कि अविंशू समलैंगिक है और इसी वजह से वह काफी परेशान रहता था. अविंशू अपने समलैंगिक होने के चलते डिप्रेशन में था और इसी वजह से उसने अपनी जान दे दी. 

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मिली जानकारी के मुताबिक अविंशू मुंबई का रहने वाला था और नौकरी के चलते एक महीने पहले ही चेन्नई आया था. फेसबुक पर लिखे अपने सुसाइड नोट में अविंशू ने लिखा है कि 'मेरा शरीर लड़के का है, लेकिन मैं लड़कियों की तरह चलता और बोलता हूं. मेरे हावभाव भी लड़कियों की ही तरह हैं. इसमें मेरी क्या गलती है कि भगवान ने मुझे ऐसा बनाया. सारे लोग मुझे देखते हैं और फिर हंसते हैं. मैंने कई बार कोशिश की कि मैं एक लड़के की तरह रहने की कोशिश करूं, लेकिन यह मेरे स्वभाव में है. मैं क्या करूं. इसमें मेरी क्या गलती है कि मैं एक गे हूं.'

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अविंशू ने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि 'मेरी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराया जाए. न ही मेरे परिवार वालों को, न दोस्तों को और न ही मेरी कंपनी को. मैं उन देशों का बहुत सम्मान करता हूं, जहां समलैंगिकों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है. मैं उन लोगों को धन्यवाद कहना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे साथ अच्छा बर्ताव किया, लेकिन सच तो यह है कि कई लोग मुझसे नफरत करते हैं. भारत में धारा 377 हटने के बाद भी LGBT को पाप माना जाता है. इसलिए भगवान भारत में किसी को गे ना बनाए. मैं भगवान से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे ऐसा क्यूं बनाया.'

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