डैम के टूटने से मची तबाही पर भेंदवाड़ी तिवरे के रहने वाले अजीत अनंत चव्हाण का कहना है कि उन्होंने पहले ही चिपलून के सब डिविजनल ऑफिसर को इसकी सूचना दी थी.
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नई दिल्लीः महाराष्ट्र के तटीय रत्नागिरी जिले में तिवरे बांध टूटने से अभी तक करीब 18 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं अभी भी अन्य कई लोगों लापता हैं. वहीं डैम के टूटने से मची तबाही पर भेंदवाड़ी तिवरे के रहने वाले अजीत अनंत चव्हाण का कहना है कि उन्होंने पहले ही चिपलून के सब डिविजनल ऑफिसर को इसकी सूचना दी थी. चव्हाण के मुताबिक, उन्होंने इस मामले में पहले ही सब-डिविजनल ऑफिसर को शिकायत की थी, लेकिन प्रशासन ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते यह हादसा हो गया.
चव्हाण ने बताया कि उन्होंने बीते 11 फरवरी को ही प्रशासन को चिट्ठी लिखकर बांध के हालातों की जानकारी देते हुए बांध की दीवारों पर पड़ी दरारों की सूचना दी थी, लेकिन इसके बाद भी किसी ने सुध नहीं ली. इससे पहले सब-डिविजनल ऑफिसर ने डैम का दौरा भी किया था. इस दौरे में निष्कर्ष निकाला गया कि डैम में कीचड़ होने के कारण डैम में पानी कम हो रहा था, लेकिन पानी कम होने वजह कीचड़ नहीं डैम में पड़ी दरार थी.
Maharashtra: Search operation in Ratnagiri, where #TiwareDam was breached, enters third day. NDRF Inspector Mahesh Kumar says, "One more body was recovered this morning, total 19 bodies have been recovered so far. We are doing continuous search operation." pic.twitter.com/psEyzGD1J6
— ANI (@ANI) July 5, 2019
बता दें तिवरे डैम की दरार को लेकर शिकायत करने वाले अजित अनंत चव्हाण ने इस हादसे में अपने पूरे परिवार को खो दिया है, जिससे वह गहरे सदमें में हैं. चव्हाण ने इस हादसे में अपने पिता,माता, बहन और भाई को खो दिया है. जिसके बाद प्रशासन के खिलाफ उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की है.
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बता दें बीते मंगलवार को देर रात डैम के टूटने से अचानक ही आस-पास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे. वहीं अचानक आए पानी के बहाव में करीब एक 2 दर्जन लोग इसकी चपेट में आ गए, जिनमें से 18 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अन्य की खोज जारी है. इस हादसे में करीब 1 दर्जन घर पानी के साथ ही बह गए.