नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, 22 जनवरी को अगली सुनवाई
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नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, 22 जनवरी को अगली सुनवाई

नागरिकता संशोधन विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी के दूसरे हफ्ते तक केंद्र सरकार से जवाब देने को कहा है. 

 

नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, 22 जनवरी को अगली सुनवाई

नई दिल्लीः  नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amended act) पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में आज नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amended act) के खिलाफ दायर 59 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून पर केंद्र सरकार से जनवरी के दूसरे सप्ताह तक जवाब देने को कहा है. इस केस की अगली सुनवाई अब 22 जनवरी को होगी.

बता दें कि बुधवार (18 दिसंबर) को मुख्य न्यायाधीश (CJI) एस ए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत के सामने कुल 59 याचिकाएं सूचीबद्ध थी, जिनमें याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस के जयराम रमेश, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी, TMC की महुआ मोइत्रा, RJD के मनोज झा, जमीयत उलेमा ए हिंद और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग शामिल थे.

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amended act) को चुनौती दी थी.याचिका में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amended act) को असंवैधानिक बताते हुए रद्द्द करने की मांग की गई है.

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जयराम रमेश की याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amended act) 2019 को समानता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला ठहराते हुए रद्द्द घोषित करे.इसके अलावा कोर्ट घोषित करें कि यह कानून 1985 के असम समझौते के खिलाफ है. यह कानून सुप्रीम कोर्ट के सरबानंद सोनोवाल में दिये गए फैसले का भी उल्लंघन करता है इसलिए इसे रद्द किया जाए. जयराम रमेश की यह भी मांग है कि कोर्ट घोषित करे कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amended act) अंतरर्राष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन करता है जिन पर भारत ने हस्ताक्षर किये हैं.

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