भारत में 2025 तक डायबिटीज रोगियों की तादाद हो जाएगी 6.9 करोड़: केंद्र सरकार
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भारत में 2025 तक डायबिटीज रोगियों की तादाद हो जाएगी 6.9 करोड़: केंद्र सरकार

डायबिटीज इतनी तेजी से फैल रही है कि आने वाले 5 वर्षों में इस बीमारी के रोगियों की संख्या 266 प्रतिशत बढ़ सकती है.

डायबिटीज रोगियों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार का मानना है कि देश में डायबिटीज (Diabetes) इतनी तेजी से फैल रही है कि आने वाले पांच वर्षों में इस बीमारी के रोगियों की संख्या 266 प्रतिशत बढ़ सकती है. आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद येसो नाईक ने शुक्रवार को लोकसभा में डायबिटीज पर पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, "भारत में वर्ष 2025 तक डायबिटीज रोगियों की तादाद 6.99 करोड़ तक पहुंच सकती है."

सरकार जहां विभिन्न अवसरों पर डायबिटीज से बचाव के अभियान चला रही है, वहीं अब इसके उपचार के लिए हर्बल दवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. काउंसिल ऑफ सांइटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च यानी सीएसआईआर की मदद से हर्बल दवाओं की खोज की गई है.

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, लखनऊ स्थित भारत सरकार के शोध संगठन ने डायबिटीज की हर्बल दवाएं बनाई हैं. ये हर्बल दवा वैज्ञानिक तौर पर भी मान्य व पुष्ट हैं. फिलहाल एमिल फार्मा डायबिटीज की इन दवाओं का उत्पादन कर रही है.

आयुष मंत्रालय के अनुसार, डायबिटीज रोगियों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है व काफी खतरनाक है. दुनिया के कम ही देश ऐसे हैं जहां 2025 तक इसके रोगियों में लगभग 266 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी. ऐसे में आयुष मंत्रालय योग व आयुर्वेद दोनों के एक साथ इस्तेमाल से इस बढ़ती चुनौती को काबू करना चाहता है. इसी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय व आयुष ने गुजरात, बिहार व राजस्थान के कुछ जिलों में मिलकर काम करने की योजना बनाई.

योजना में मिली प्रारंभिक सफलता के बाद अब बिहार, गुजरात व राजस्थान में 52 स्थानों पर डायबिटीज व दिल की बीमारियों से निपटने के लिए आयुर्वेद व योग की मदद ली जा रही है.

टाइप-2 डायबिटीज में भारतीय वैज्ञानिकों की रिसर्च बीजीआर-34 कारगर है. ये खुलासा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैज्ञानिकों के शोध में हुआ है. लोकसभा में शुक्रवार को केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने खुलासा किया कि डायबिटीज रोगियों को बीजीआर-34 एंटी डायबिटीज मेडिसिन से काफी लाभ पहुंच रहा है.

मंत्रालय के अधीन सीएसआईआर ने गहन अध्ययन और लखनऊ स्थित प्रयोगशालाओं में लंबे ट्रायल के बाद इसे तैयार किया था. टाइप 1 डायबिटीज मरीजों को इससे काफी लाभ मिला है और अब बीएचयू की रिसर्च के बाद सरकार इसे टाइप 2 रोगियों के लिए भी इस्तेमाल करेगी.

केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने कहा कि मंत्रालय के अधीन सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने काफी गहन अध्ययन के बाद बीजीआर-34 नामक दवा तैयार की है जिसमें कई औषधियां हैं जो डायबिटीज को नियंत्रण करने में सहायक सिद्ध होती हैं.

(इनपुट-आईएएनएस)

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